tag:blogger.com,1999:blog-7390077179800546777.post7089842228715323056..comments2024-01-26T14:19:58.834+05:30Comments on मेरे अनुभव (Mere Anubhav): ममता के बदलते अर्थPallavi saxenahttp://www.blogger.com/profile/10807975062526815633noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-7390077179800546777.post-2193302990469681462015-10-08T16:58:18.521+05:302015-10-08T16:58:18.521+05:30आप ने सारी समस्या को तार-तार करके देखा है और दिखा ...आप ने सारी समस्या को तार-तार करके देखा है और दिखा दिया है. लेकिन इस समस्या का कोई हल नजर नहीं आता. डॉक्टरों का तो यह कहना है कि जहाँ माता-पिता दोनों नौकरी करते हैं वहाँ उनके बच्चों की सेहत पर आगे जाकर अधिक खर्चा करना पड़ता है.<br /> इस बढ़िया आलेख के लिए आपको बधाई.Bharat Bhushanhttps://www.blogger.com/profile/10407764714563263985noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7390077179800546777.post-9847574550126945602015-10-07T11:30:27.824+05:302015-10-07T11:30:27.824+05:30सुन्दर प्रस्तुति बहुत ही अच्छा लिखा आपने .बहुत ही...सुन्दर प्रस्तुति बहुत ही अच्छा लिखा आपने .बहुत ही सुन्दर रचना.बहुत बधाई आपको . कभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |<br /><br />http://madan-saxena.blogspot.in/<br />http://mmsaxena.blogspot.in/<br />http://madanmohansaxena.blogspot.in/<br />http://mmsaxena69.blogspot.in/Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/18391630430260559342noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7390077179800546777.post-71325560225574945812015-10-06T11:04:32.269+05:302015-10-06T11:04:32.269+05:30आप सभी का धन्यवाद। आप सभी का धन्यवाद। Pallavi saxenahttps://www.blogger.com/profile/10807975062526815633noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7390077179800546777.post-41759976942714510532015-10-05T16:40:35.599+05:302015-10-05T16:40:35.599+05:30लेख का अन्तर्विचार महत्वपूर्ण है। लेख का अन्तर्विचार महत्वपूर्ण है। Harihar (विकेश कुमार बडोला) https://www.blogger.com/profile/02638624508885690777noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7390077179800546777.post-55798980173637989842015-10-05T13:24:16.321+05:302015-10-05T13:24:16.321+05:30एकदम सहमत हूँ पल्लवी जी आपके विचारों से.एकदम सहमत हूँ पल्लवी जी आपके विचारों से.रचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7390077179800546777.post-8243114094074465812015-10-05T11:14:33.667+05:302015-10-05T11:14:33.667+05:30पल्लवी जी, आपका लेख पढ कर एक बार कहीं पढा हुआ याद ...पल्लवी जी, आपका लेख पढ कर एक बार कहीं पढा हुआ याद आ रहा है कि आज-कल बच्चों से ज्यादा कुत्ते नशीब वाले होते है। क्योंकि बच्चे आया की गोद में पलते है और कुत्ते मालिकों की गोद में!! <br />सुंदर प्रस्तुती...Jyoti Dehliwalhttps://www.blogger.com/profile/07529225013258741331noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7390077179800546777.post-33449399214449302492015-10-04T18:56:47.537+05:302015-10-04T18:56:47.537+05:30आधुनिक युग का यह एक ज्वलंत समस्या है ,इसे प्रत्येक...आधुनिक युग का यह एक ज्वलंत समस्या है ,इसे प्रत्येक दम्पति को अपनी परिस्थिति के अनुसार समाधान निकालना पडेगा |--सुन्दर आलेख कालीपद "प्रसाद"https://www.blogger.com/profile/09952043082177738277noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7390077179800546777.post-86191479918723209842015-10-04T16:21:35.306+05:302015-10-04T16:21:35.306+05:30पल्लवी जी ऐसे विषयों पर जिस बेबाकी और बिंदास लहजे ...पल्लवी जी ऐसे विषयों पर जिस बेबाकी और बिंदास लहजे में आपकी लेखनी चलती है उसके लिए आपका साधुवाद | सच में धीरे धीरे ज़माना बहुत बदल गया है , सारे दस्तूर सारी रवायतें बदल रही हैं | लिखती रहें | शुक्रिया अजय कुमार झाhttps://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7390077179800546777.post-58788443994283695492015-10-04T15:57:16.448+05:302015-10-04T15:57:16.448+05:30धन्यवाद।धन्यवाद।Pallavi saxenahttps://www.blogger.com/profile/10807975062526815633noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7390077179800546777.post-91141565381790471172015-10-04T14:36:28.642+05:302015-10-04T14:36:28.642+05:30आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार (05-...आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार (05-10-2015) को <a href="http://charchamanch.blogspot.in/" rel="nofollow"> "ममता के बदलते अर्थ" (चर्चा अंक-2119) </a> पर भी होगी।<br />--<br />सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।<br />--<br />चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।<br />जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।<br />हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।<br />सादर...!<br />डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.com