tag:blogger.com,1999:blog-7390077179800546777.post7324434000657609081..comments2024-01-26T14:19:58.834+05:30Comments on मेरे अनुभव (Mere Anubhav): जागो भक्तों जागो ....Pallavi saxenahttp://www.blogger.com/profile/10807975062526815633noreply@blogger.comBlogger27125tag:blogger.com,1999:blog-7390077179800546777.post-50805860706599115942013-09-08T20:16:15.000+05:302013-09-08T20:16:15.000+05:30प्रभावी पोस्टप्रभावी पोस्टRDShttp://www.blogger.com/profile/14134695386879343906noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7390077179800546777.post-61441541990972882132013-09-08T20:16:46.000+05:302013-09-08T20:16:46.000+05:30सारा खेला इस बात का है कि कौन अपने पीछे भीड़ इकट्ठी...सारा खेला इस बात का है कि कौन अपने पीछे भीड़ इकट्ठी कर सकता है। इस बाबा के पीछे अन्धों की भीड़ है, इसलिए इसके किए पर आप को अभी भी अपने दिल में यही लगता है कि जब आग लगी है तभी तो धुंआ भी उठ रहा है। अरे आग कब की लगी है और धुंए से सारा वातावरण विषाक्त हो गया है। इसमें अचम्भा क्या कि यह ऐसे कर सकता है। इसका चेहरा ही खींचकर बताता है कि यह वास्तविकता में क्या है।Vikesh Badolahttp://www.blogger.com/profile/02638624508885690777noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7390077179800546777.post-20197986082996543002013-09-08T21:39:13.000+05:302013-09-08T21:39:13.000+05:30आपकी बिचारध।रा उच्च है। …. सुन्दर पोस्टआपकी बिचारध।रा उच्च है। …. सुन्दर पोस्टSriram Royhttp://www.blogger.com/profile/14583992701151744098noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7390077179800546777.post-19480216166685451782013-09-08T21:44:31.000+05:302013-09-08T21:44:31.000+05:30बहुत ही सार्थक एवँ प्रभावशाली आलेख ! ना जाने वह कौ...बहुत ही सार्थक एवँ प्रभावशाली आलेख ! ना जाने वह कौन सी शुभ घड़ी आयेगी जब इंसान अपने ज्ञान चक्षु खोल कर इन गुरुघंटालों की असलियत को देख पायेगा और अपने घर की बहू बेटियों की सुरक्षा के लिये सतर्क होगा ! ऐसी अंधश्रद्धा की मैं घोर निंदा करती हूँ कि लोग अपनी बुद्धि का प्रयोग करना ही बंद कर दें ! बहुत बढ़िया पोस्ट !sadhana vaidhttp://www.blogger.com/profile/09242428126153386601noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7390077179800546777.post-16388002795065294892013-09-08T21:45:27.000+05:302013-09-08T21:45:27.000+05:30बहुत सुन्दर प्रस्तुति.. आपको सूचित करते हुए हर्ष ...बहुत सुन्दर प्रस्तुति.. आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी पोस्ट हिंदी ब्लॉग समूह में सामिल की गयी और आप की इस प्रविष्टि की चर्चा कल - <a href="http://hindiblogsamuh.blogspot.in/" rel="nofollow">सोमवार - 09/09/2013</a> को <br><a href="http://hindiblogsamuh.blogspot.in/" rel="nofollow">जाग उठा है हिन्दुस्तान ... - हिंदी ब्लॉग समूह चर्चा-अंकः15 </a> पर लिंक की गयी है , ताकि अधिक से अधिक लोग आपकी रचना पढ़ सकें . कृपया आप भी पधारें, सादर .... Darshan jangra <br><br><br><br><br><br>Darshan jangrahttp://www.blogger.com/profile/09680060236733028168noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7390077179800546777.post-43571943044872990172013-09-08T22:10:09.000+05:302013-09-08T22:10:09.000+05:30Well written, Following lines are very much impres...Well written, Following lines are very much impressive and we must think..<br><br>भई कलयुग है, कलयुग इसमें जो ना वो कम है। तो फिर दूसरी और हम यह क्यूँ भूल जाते हैं कि यह सारे बाबा भी तो कलयुग में ही हैं, <br><br>यदि सिर झुकाना ही है तो केवल तीन लोगों के सामने ही झुकाओ "एक अपनी भारत माता के सामने" दूसरा अपनी माँ (माता-पिता) के सामने" और तीसरा "केवल ईश्वर के सामने" <br><br>In fact, I personally believe everyone must realize that our soul has given by god and that is pure, so rather ... 'In dhongee pandito.. babao ki.. apne aatma ki sune...<br><br>I really doubt about NGOs run by such baba's.. <br>Sachidahttp://www.blogger.com/profile/13462412215162172214noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7390077179800546777.post-9647591479226144702013-09-08T22:21:16.000+05:302013-09-08T22:21:16.000+05:30जनता मूर्ख है जो इन ढोंगी बाबाओं को भगवान् समझ लेत...जनता मूर्ख है जो इन ढोंगी बाबाओं को भगवान् समझ लेती है. <br>और हमारे देश में ऐसे मूर्खों की कोई कमी नहीं। <br>सुन्दर आलेख।डॉ टी एस दरालhttp://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7390077179800546777.post-78599395083898231432013-09-08T22:37:36.000+05:302013-09-08T22:37:36.000+05:30बहुत व्यावहारिक बात कही है आपने और सही सलाह दी है....बहुत व्यावहारिक बात कही है आपने और सही सलाह दी है. वास्तविकता यही है कि धर्म के क्षेत्र में ऐसे लोग घुस आए हैं जिनका धर्म से दूर का वास्ता भी नहीं है.Bharat Bhushanhttp://www.blogger.com/profile/10407764714563263985noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7390077179800546777.post-62563299278889037502013-09-08T23:38:51.000+05:302013-09-08T23:38:51.000+05:30पता नहीं इन उपदेशकों, महन्तों, धर्माधिकारियों के स...पता नहीं इन उपदेशकों, महन्तों, धर्माधिकारियों के सामने लोगों की मति क्यों कुण्ठित हो जाती है?प्रतिभा सक्सेनाhttp://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7390077179800546777.post-2856090690096246232013-09-09T08:45:01.000+05:302013-09-09T08:45:01.000+05:30हमारे देश में डरे हुए लोगों की भरमार है और डरा कर ...हमारे देश में डरे हुए लोगों की भरमार है और डरा कर रखना इन ढोंगी बाबाओ को बहुत आता है . कर्म करो और मुक्ति को इन ढोंगी बाबाओ के पास चले जाओ अपना दिमाग और जूते बाहर ही उतार दो और जय हो जय हो करो ...आज भी शिक्षा की आवश्यकता है अपने देश वासिओं कोकुशवंशhttp://www.blogger.com/profile/18094849037409298228noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7390077179800546777.post-70445003488901150202013-09-09T09:45:49.000+05:302013-09-09T09:45:49.000+05:30अब भी आँख खुल जाये तो बहुत है ..... पढे लिखे लोग ज...अब भी आँख खुल जाये तो बहुत है ..... पढे लिखे लोग जब ऐसे बाबाओं के प्रति अंध विश्वास रखते हैं तो सच ही उनकी बुद्धि पर तरस आता है ।संगीता स्वरुप ( गीत )http://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7390077179800546777.post-21856487866252109632013-09-09T11:05:41.000+05:302013-09-09T11:05:41.000+05:30हमें पाखंडी और अच्छे संतों में फर्क करना सीखना होग...हमें पाखंडी और अच्छे संतों में फर्क करना सीखना होगा ! केवल उनको दोष देकर जनता अपनें दोषों को छिपा नहीं सकती क्योंकि इनको पनपानें में अंधभक्तों का ही बड़ा हाथ रहता है !पूरण खण्डेलवालhttp://www.blogger.com/profile/04860147209904796304noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7390077179800546777.post-50157088560674032932013-09-09T12:07:02.000+05:302013-09-09T12:07:02.000+05:30इन ढोंगी बाबाओं को भगवान् समझना मूर्खता है..सार्थक...इन ढोंगी बाबाओं को भगवान् समझना मूर्खता है..सार्थक आलेख..Maheshwari kanerihttp://www.blogger.com/profile/07497968987033633340noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7390077179800546777.post-58200497233449080822013-09-09T12:24:05.000+05:302013-09-09T12:24:05.000+05:30मै सिर्फ ईश्वर पर विस्वास करता हूँ,,साधू संतो और ध...मै सिर्फ ईश्वर पर विस्वास करता हूँ,,साधू संतो और धर्म के ठेकेदारो पर मेरा कभी विस्वाश नही रहा,,, <br>गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाए !<br><br><b>RECENT POST </b><a href="http://dheerendra11.blogspot.in/2013/09/blog-post_7.html#comment-form" rel="nofollow">: समझ में आया बापू .</a>धीरेन्द्र सिंह भदौरियाhttp://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7390077179800546777.post-41176141706325965172013-09-09T12:54:44.000+05:302013-09-09T12:54:44.000+05:30श्रद्धा अंधी नहीं होनी चाहिए, हिंदू धर्मग्रंथों मे...श्रद्धा अंधी नहीं होनी चाहिए, हिंदू धर्मग्रंथों में इसलिए गुरु का चुनाव बड़ी सावधानीपूर्वक करने कहा गया है। ढोंगी का जुर्म केवल जनता को ठगने को लेकर नहीं है उस पर जनश्रद्धा पर कुठाराघात करने का मुकदमा भी चलना चाहिए।मैं और मेरा परिवेशhttp://www.blogger.com/profile/11437187263808603551noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7390077179800546777.post-46569481739874443792013-09-09T13:33:51.000+05:302013-09-09T13:33:51.000+05:30सबसे पहले तो खुद पे विश्वास, फिर इश्वर पे विश्वास ...सबसे पहले तो खुद पे विश्वास, फिर इश्वर पे विश्वास ... ओर जब ईश्वर पे विश्वास हो गया तो बीच के लोगों से क्या फर्क पड़ेगा ... आपकी पोस्ट से सहमत हूं ...दिगम्बर नासवाhttp://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7390077179800546777.post-29849874227758031542013-09-09T14:50:07.000+05:302013-09-09T14:50:07.000+05:30'लेकिन पढे लिखे व्यक्तियों का यह अंधविश्वास मे...'लेकिन पढे लिखे व्यक्तियों का यह अंधविश्वास मेरी समझ में तो आज तक नहीं आया। मेरा एक उसूल रहा है, मैं जिन चीजों पर विश्वास नहीं करती उनकी आलोचना करना भी पसंद नहीं करती। क्यूंकि मैं नहीं चाहती कि मेरे कडवे बोल से किसी का व्यर्थ ही दिल दुखे।'<br><br>बहुत सटीक और सार्थक आलेख है पल्लवी जी सहमत हूँ आपसे इस सभी पर पर हाँ एक बात कहना चाहूँगा की पाँचों उँगलियाँ एक जैसी नहीं होती ये तो सभी धर्म मानते हैं की गुरु बिन ठौर नहीं 'गुरु' को पहचानना बहुत ज़रूरी है वो तो आपको हिला के रख देता है आपको कुछ और नहीं सिर्फ खुद को बदलने की ज़रूरत होती है चलना खुद ही पड़ता है 'गुरु' सिर्फ आपको रास्ता दिखा सकता है यहाँ एक बात कहना चाहूँगा की हिंदी में हम 'सदगुरु' का प्रयोग करते हैं तो 'गुरु' के 'सद' का ज़रूर ध्यान रखें |इमरान अंसारीhttp://www.blogger.com/profile/01005182448449326178noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7390077179800546777.post-6472356159284607382013-09-09T19:31:14.000+05:302013-09-09T19:31:14.000+05:30आज का मनुष्य डरता ही कहाँ है किसी से...वो तो डरता...आज का मनुष्य डरता ही कहाँ है किसी से...वो तो डरता है अपने बुरे कर्मों से .जो वो लगातार करता है ..उसका फायदा उठाते है आज के बाबा लोग ...बस इतनी सी बात है ...न कुछ बुरा करो ..न डरो..लानत भेजो ऐसे बाबाओं पर और सेवा करो अपने बडो की .....? <br>सचेत करता आपका लेख .....Ashok Salujahttp://www.blogger.com/profile/17024308581575034257noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7390077179800546777.post-36082665438096928462013-09-10T05:51:28.000+05:302013-09-10T05:51:28.000+05:30The History.The History.काजल कुमार Kajal Kumarhttp://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7390077179800546777.post-73558275222418030722013-09-10T08:15:45.000+05:302013-09-10T08:15:45.000+05:30सच कहा आपने। अब तो किसी भी बाबा पर यकीन करने का द...सच कहा आपने। अब तो किसी भी बाबा पर यकीन करने का दिल नहीं करता !!<br>हम तो यूँ भी बाबाओं को दूर से प्रणाम करते हैं !वाणी गीतhttp://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7390077179800546777.post-42968133045365068812013-09-10T08:35:09.000+05:302013-09-10T08:35:09.000+05:30बहुत सही सीख ..बहुत सही सीख ..सतीश सक्सेनाhttp://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7390077179800546777.post-6057493352673580322013-09-10T10:12:42.000+05:302013-09-10T10:12:42.000+05:30आज धर्म के नाम पर वह सब कुछ हो रहा है जिसकी धर्म म...आज धर्म के नाम पर वह सब कुछ हो रहा है जिसकी धर्म मनाही करता है। आज कौन चरित्र ऐसा है जो हमें विश्वसनीय लगता है? लेकिन एक बात जरूर है कि सरकार उन्हीं पर हाथ डालती है जिनसे उन्हें लाभ नहीं मिलता या जिन्हें वह अपने दायरे में लेना चाहती है। आम आदमी इतना मंगता हो गया है कि वह हर जगह झांसे में आ जाता है, यदि हम सब ऐसे स्थानों पर जाना ही बन्द कर दें तब इनकी दुकानदारी ठप्प हो जाएगी।smt. Ajit Guptahttp://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7390077179800546777.post-14255609771286804872013-09-10T13:56:44.000+05:302013-09-10T13:56:44.000+05:30कुकरमुत्ते जैसे बाबाओं से नफ़रत हो गई है ....जब देख...कुकरमुत्ते जैसे बाबाओं से नफ़रत हो गई है ....जब देखो कभी भी कहीं भी उग आते हैं...और अपने साथ साथ सबको दूषित करते फिरते हैंAnju (Anu) Chaudharyhttp://www.blogger.com/profile/01082866815160186295noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7390077179800546777.post-59431241712918538952013-09-10T17:36:20.000+05:302013-09-10T17:36:20.000+05:30विचारणीय बात ...अब तो चेतें हमविचारणीय बात ...अब तो चेतें हमडॉ. मोनिका शर्माhttp://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7390077179800546777.post-6936638134190145092013-09-10T17:52:35.000+05:302013-09-10T17:52:35.000+05:30सार्थक आलेख.http://dehatrkj.blogspot.comसार्थक आलेख.<br>http://dehatrkj.blogspot.comराजीव कुमार झाhttp://www.blogger.com/profile/13424070936743610342noreply@blogger.com