सुना है एक और बेवकूफ़ी भरा कानून पारित होने जा रहा है अपने यहाँ, जिसके अंतर्गत अब 16 साल की कम उम्र के बच्चों को शारीरिक संबंध (सेक्स) करने की अनुमति दे दी गयी है। यह तो भगवान ही जाने कि इस कानून से किसका भला होने वाला है मुझे तो इस कानून में दूर-दूर तक कोई अच्छाई नज़र नहीं आती, कैसे भी सोचो यह बात हर तरह से गलत ही नज़र आती है। बच्चों पर बुरा असर डालने के लिए पहले ही बहुत सी चीजों की कमी नहीं थी और अब तो कानून ने भी उस सब पर अपनी मोहर लगा डाली। अब क्या होगा इस देश का भविष्य पहले ही जनसंख्या कम नहीं है और अब शायद इस मामले में विश्व कीर्तिमान स्थापित करेंगे हम। हद होती है बेवकूफ़ी की, ड्राइविंग लाईसेंस के लिए 18 साल, शराब पीने या नशा करने के लिए 21 साल और शादी करने के लिए भी लड़का 21 का और लड़की 18 की होनी चाहिए मगर शारीरिक संबंध बनाने के लिए 16 वाह रे...वाह!!! हमारी सरकार, जय हो ....
अरे अगर गलत कानून को ही पारित करना था तो, बाल विवाह को ही जायज़ करार दे देते...कम से कम अच्छा या बुरा उसका जो भी परिणाम होता माता-पिता की निगरानी में तो होता और कुछ नहीं तो एड्स का खतरा तो कम से कम कुछ प्रतिशत घट ही जाता और उससे भी अहम बात यह बुरे परिणामों का खामियाज़ा कम से कम अकेली लड़की और उसके घर परिवार को तो नहीं भुगतना पड़ता क्यूंकि कहीं न कहीं अभिभावकों पर भी उसकी पूरी ज़िम्मेदारी होती।
मगर अब इस कानून के पारित होने से सिर्फ और सिर्फ बुरे परिणाम ही नज़र आएंगे जैसे ना जाने और कितनी ही लड़कियां बिन ब्याही माँ बनेंगी, ना जाने कितने ही बच्चे नाजायज़ और अनाथ बनेंगे और ना जाने कितनी ही भूर्ण हत्यायें होंगी। क्योंकि 16 वर्ष की उम्र में अगर बच्चे अपनी मर्ज़ी से शारीरिक संबंध बनाते हैं और उन्हें गर्भ ठहर जाता है तो लड़का 21 और लड़की 18 से पहले शादी नहीं कर सकते, तो ऐसी स्थिति में लड़की के पास 4 रास्ते होंगे :-
1) या तो वो एक बिनब्याही माँ बनकर ज़िल्लत भरी ज़िन्दगी जिए।
2) या तो वह अपने बच्चे को जन्म देकर उसे अनाथ होने के लिए किसी कचरे के डब्बे में या अनाथालय की सीढ़ियों पर छोड़ दे।
3) या वो गर्भपात करा दे।
और अगर वो इन तीनों को करने में असफल होती है तो आखिरी विकल्प बचेगा4) आत्महत्या।
यह सब होने से भला किसका भला होने वाला है जिसे ध्यान में रखकर यह कानून बनाया गया है। मैं तो यही सोच-सोच कर हैरान हूँ कि यह बात भला किसी के दिमाग आई भी कैसे कि ऐसा करने से वर्तमान हालातों में कुछ या फिर किसी भी प्रकार का कोई सुधार आ सकता है। दामिनी कांड के बाद पहले ही लड़कियों का जीना हाराम हो गया है जहां एक और यह हालात है कि लड़की घर से बाहर निकली नहीं कि हर कोई उसे अपने बाप की जागीर समझता है। जिसके चलते दिन प्रतिदिन महिलाओं की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। ऐसी परिस्थितियों में इस कानून के बाद तो लड़कियां और भी ज्यादा असुरक्षित हो जाएंगी आखिर क्या चाहता है यह समाज, कि लड़कियां हो हीं नहीं इस धरती पर, ताकि "ना रहेगा बांस न बजेगी बांसुरी" हमारे समाज के लिए इस से ज्यादा शर्मसार और क्या बात हो सकती है। जहां एक ओर हमारे समाज में पहले ही महिलाओं और लड़कियों को समान अधिकार नहीं है। उन्हें हमेशा एक वस्तु की तरह ही समझा जाता है अधिकतर मामलों में उसे इंसान नहीं बल्कि केवल भोग की वस्तु ही समझा जाता है। जहां एक ओर महिला सशक्तिकरण के लिए हजारों संस्थाए दिलो जान से काम कर रही है। लोग महिला उत्पीड़न और बलात्कार के खिलाफ आज भी कानून का मुंह देख रहे हैं।
जहां लोग कानून व्यवस्था में सुधार चाहते हैं वहाँ इन हालातों में इस तरह के कानून को पारित करके आखिर क्या साबित करना चाहती है सरकार ?
यह सरकार पागल हो चुकी है | अब इसका पतन निश्चित है | १६ साल के उस दरिन्दे को सज़ा देने की जगह यह उसके सहयोग में नया कानून पारित कर रही है | धिक्कार है ऐसी भौंडी सरकार पर और थू है उसे चलने वाली इतालियन बाई पर | बहुत सार्थक आलेख |
ReplyDeleteकभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
Tamasha-E-Zindagi
Tamashaezindagi FB Page
क्या तय था, क्या हो गया। बात तो बलात्कार के १७ वर्षीय अपराधी को दण्ड देने की थी, अब तो उसे सहमति का विषय बना दिया।
ReplyDeleteये सरकार इतने बेवकूफी भरे फैसले कर रही है कि लगता ही नहीं कि भारत सरकार है। पता नहीं क्यों पश्चिम से नकल करने पर आमादा है, यही फर्क होता है अपने शासक और पराए शासक में। लेकिन लोग कहां समझ रहे हैं।
ReplyDeleteसरकार के इस फैसले के बाद मुझे ये समझ में नहीं आ रहा कि सरकार कि मूर्खता पर हंसू या फिर इससे समाज पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों को सोचकर दुःख में डूब जाऊं !!
ReplyDeleteअपराधियों को सजा देने के बजाय, अपनी मर्जी से ऐसा बेतुका कानून बनाना, लगता है कहां रह रहे हैं, जंगल में या समाज में।
ReplyDeleteसेक्स की उम्र १६ और शादी की उम्र १८/२१..वाह क्या निर्णय है सरकार का..शादी की उम्र ही १६ साल क्यों नहीं कर देते? क्या होगा इस देश का ऐसे नेताओं के हाथ से...
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टी की चर्चा शनिवार (16-3-2013) के चर्चा मंच पर भी है ।
ReplyDeleteसूचनार्थ!
संसद में बैठे लोग , लगता है की वे अपनी सोचने समझाने की शक्ति खो चुके हैं . ऐसे प्रस्ताव लाने वाले लोगों को क्या कहा जाय? इसके परिणाम क्या होंगे ? इसको तुमने अच्छी तरह से बता दिया है लेकिन ये जो अपराधी बनाने की आयु में छूट दी जा रही है. अपराध में दण्डित करने के लिए आयु कम नहीं हो सकती है लेकिन अपराध के लिए पूरी छूट दे रहे है . देश को और इसकी भावी पीढी को पूरी तरह से बरबाद करने का समय उनके पास अभी है और एक निरंकुश शासक की तरह वे पूरी तरह से बरबाद करने पर आमदा है.
ReplyDeleteबात तो सोलह आने सही पर की करी
ReplyDeleteइसके भी खामियाजे आयेंगें सामने ......न सोच न विचार , इसके नकारात्मक परिणाम आने ही हैं |
ReplyDeleteजाने क्या सोचकर यह कानून बनाया जा रहा है।
ReplyDeleteअब बच्चों का बचपन छिन जायेगा .
सुनते थे कि उम्र ढलने पर व्यक्ति सठिया जाता है लेकिन यहाँ तो समूचा मंत्रिमंडल ही सठिया गया है | संदर्भित निर्णय जीओएम (ग्रुप ऑफ़ मिनिस्टर्स) ने लिया है ; और इसे क़ानून का दर्ज़ा देना अभी बाकी है |
ReplyDeleteइससे किसी का भला नही होने वाला,सरकार का एक गलत कदम.
ReplyDeleteजैसा माहोल है अपने देश में अब अधिकतर केस में सहमति का कुंडा बीच में आया करेगा ... हर माइनर रेप को इसी सहमति का दर्जा दिया जायगा ...
ReplyDeleteकिसकी समझ चल रही है आज कल ... समझ से बाहर है ...
कई दिन से समाचार नहीं देखे या पढ़े मुझे तो अभी यहीं पढ़ कर पता चला......सच तंग आ गए हैं लोग अब तो इन मूर्खतापूर्ण तरीकों से ।
ReplyDeleteमैसाचुसेट्स में इस मामले में क्या उम्र निर्धारित की गयी है ?
ReplyDeleteकृपया इसकी जानकारी भी दें.
जो अंग्रेज़ और यूरोपियन करते हैं. अक्सर उसी को यहाँ कानूनी शक्ल दे दी जाती है.
मैं स्वयं बहुत ज्यादा नफरत करता हूँ बलत्कार सम्बन्धी आरोपी लोगो से तथा उनको कड़ी सजा दिलाने के लिए हमेशा पक्षधर रहा हूँ परन्तु आपके तर्क से सहमत नहीं हूँ। बात सहमती से सम्बन्ध बनाने की हो रही रही है तो जब दोनों पक्ष सेक्स के लिए सहमत हें तो उसमे कोई कुछ नही कर सकता ना कोई कानून न कोई कुछ ओर . देश में कडे कानूनों की अब भी कोई नही है पर उन्हें निभाता कोन है। मान लो सेक्स सहमती से हुआ है तो उसमे बलत्कार का दोषी कोई नही हो सकता जबकि मोजुदा कानून में ऐसा है कि लडको को बलत्कार का दोषी ठहराया जाता है जो की में मानता हूँ, दोषी जबकि दोनों पक्ष हैं इसीलिए में उम्र घटाने के विरोध में नही हूँ
ReplyDeleteये तो सरासर नाइंसाफी है
ReplyDeleteNice post.
ReplyDeleteमैं उम्र घटाने के विरोध में नही हूँ parantu vivaah ke liye.
अभी ये पोस्ट पढ़ी .... कानून ने अब उम्र 18 साल ही कर दी है ...
ReplyDeleteबेहतरीन पोस्ट ,ब्लॉग अच्छा लगा आप का
ReplyDeleteहाँ जी मुझे भी पता चला अच्छा हुआ वरना यही सब होता जिसका मैंने अपनी इस पोस्ट में जिक्र किया है। फिर भी अवगत कराने के लिए धन्यवाद...:)
ReplyDeleteधन्यवाद... उम्मीद है अब आगे भी आपका और हमारा संवाद बना रहेगा। :)
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