"देखा एक ख़्वाब तो यह सिलसिले हुए
दूर तक निगाह में हैं
गुल खिले हुए "
दूर तक निगाह में हैं
गुल खिले हुए "
तो हमने भी सोचा कि चलो इस बार हम भी वहीं चलते हैं। तो बस बन गया प्रोग्राम वहाँ जाने का लेकिन उस ट्यूलिप के बगीचे की बात विस्तार से हम अगले अंक में करेंगे। आज हम बात करेंगे बेल्जियम की राजधानी ब्रिसल्स की. वैसे हर बार तो हम खुद ही प्लान करते हैं कि कब कहाँ कैसे जाना है लेकिन इस बार हमने सोचा और पढ़ा भी कि वहाँ घूमने के लिए केवल 3 तीन से चार 4 दिन ही बहुत है तो हमने सोचा क्यूँ न इस बार टूरिस्ट बस से जाया जाये, क्यूं ना एक बार इसका भी अनुभव ले लिया जाये। तो हमने तीन दिन का स्टार टूर से जाने का टूर प्लान किया इसके दो फायदे हैं। पहला खाना पीना और रहने ठहरने की सारी चिंता उनकी, दूजा कहाँ कहाँ क्या-क्या घूमना है कैसे जाना है, कितनी देर रुकना है यह सारा सरदर्द भी उनका, अपना काम है केवल पैसा देना और घूमने के मज़े उठाना और उसे भी बड़ी बात हिन्दुस्तानी खाना मिलना। वैसे हमारे साथ खाने को लेकर अब ऐसी कोई टेंशन है नहीं मगर फिर भी यदि हिन्दुस्तानी मिल जाये तो सोने पर सुहागा टाइप बात हो जाती है।:-) तो जो लोग मेरी तरह हिन्दुस्तानी खाना पसंद करते हैं उनके लिए सबसे अच्छा विकल्प है यह स्टार टूर, वैसे और कई कंपनियों के टूर भी उपलब्ध हैं।
चित्र गूगल से साभार |
आज हम बात करेंगे ब्रिसल्स की, यूं तो वहाँ देखने को कुछ खास नहीं था। मगर जो था वह भी बुरा नहीं था। वहाँ एक एतिहासिक महल(Grand Place) था जिसके सामने एक फूलों से बना कालीन भी होता है अर्थात असली फूलों को कुछ इस तरह से लगाया जाता है कि देखने में वह एक बड़े कालीन के रूप में नज़र आते है जैसा कि आप इस तस्वीर में देख सकते हैं। मगर यह नज़ारा हमारी किस्मत में नहीं था। क्यूंकि वहाँ इन फूलों की यह सजावट केवल अगस्त के महीने में दो साल में एक बार ही होती है। मगर फिर भी इस नज़ारे की एक तस्वीर आपके लिए (चित्र गूगल से साभार)। इस महल को यहाँ के राजा ने अपने रहने के लिए बनवाया था लेकिन कभी रहा नहीं और सिर्फ कर वसूलने के लिए यहाँ आया करता था। यहाँ की इमारतों के ऊपर कुछ कुछ मूर्ति लगी होती हैं जिस आधार पर उस घर में रहने वाले क्या कार्य करते थे पता चलता था, जैसे राजा के महल के ऊपर लगी कई सारे सैनिकों की मूर्तियाँ। या फिर टाउन हॉल पर लगी एक सैनिक की मूर्ति जिसके हाथ में आसमान की और इशारा करती हुई एक तलवार है। इत्यादि
वहाँ की सबसे मशहूर मूर्ति जो एक नन्हें राजकुमार की कही जाती है जो नग्न अवस्था में लघु शंका करता रहता है इस मूर्ति को किताबी भाषा में Manneken Pis Statue कहा जाता है।
वहाँ की सबसे मशहूर मूर्ति जो एक नन्हें राजकुमार की कही जाती है जो नग्न अवस्था में लघु शंका करता रहता है इस मूर्ति को किताबी भाषा में Manneken Pis Statue कहा जाता है।
यह मूर्ति तांबे की बनी है और इतनी मशहूर है कि वहाँ की लगभग हर दुकान पर आपको इस बच्चे की यह मूर्ति देखने को मिलेगी फिर चाहे वो सजावट के समान की कोई दुकान हो या फिर खाने पीने की वहाँ हर जगह आपको इस बच्चे की यह मूर्ति अलग-अलग रंगो में दिखाई देगी। इस मूर्ति को बदल बदल कर कपड़े भी पहनाए जाते हैं।
जैसे इस तस्वीर में आप देख सकते है यह तस्वीर हमने एक Waffle की दुकान पर खींची थी, Waffles भी वहाँ की सबसे मशहूर मिठाई है। जो गरमा-गरम खाने में मुझे तो बिलकुल अपने यहाँ के मालपूए के जैसी लगी। बाकी तो पसंद अपनी-अपनी ख्याल अपना-अपना ...इसलिए यदि आप भी वहाँ जाएँ तो इस मिठाई को या मीठे पकवान को ज़रूर खाएं क्यूंकि मेरे अनुभव के हिसाब से बिना इस मिठाई के वहाँ घूमना अधूरा है। आप या तो बिना कुछ ऊपर डलवा कर भी ले सकते हैं जैसे क्रीम, या चॉकलेट या स्ट्रॉबेरी।
केवल इतना ही नहीं वहाँ बनी चॉकलेट और मिठाइयाँ जो देखने में पूरी तरह हमारी हिन्दुस्तानी मिठाइयों की तरह ही नज़र आती है मेरी नज़र में एक आकर्षण का केंद्र थी और रही चॉकलेट की बात तो वहाँ खुले रूप में तौल कर ली जा सकती हैं ठीक स्विट्ज़रलैंड की तरह। आप सभी को पता ही होगा बेल्जियम चॉकलेट दुनिया भर में मशहूर हैं। इस फोटो में आप जलेबी और तिल के लड्डू देख सकते हैं।
एक मूर्ति और भी देखी हम ने जिसके नीचे लिखा था इस पर हाथ फेर कर आप मन चाही मुराद मांग सकते हैं वो ज़रूर पूरी होगी मूर्ति को देख कर तो यह प्रतीत हो रहा है। यह मूर्ति Everard 't Serclaes की है।
वहाँ हमने एक और चीज़ देखी मगर समय के अभाव के कारण हम उसका इतिहास ठीक से नहीं जान पाये उस चीज़ का किताबी नाम है Atomium.. यह एक एटम को बहुत बड़े रूप में बनाया गया है। इसमें हरेक sphere 18 फीट का है और जो पाईप इनको जोड़ते हैं उनमें escalater लगे हैं हालांकि हम लोग अंदर से नहीं देख पाये।
एक और चीज़ वहाँ हमने देखी बच्चों के कार्टून का एक मशहूर किरदार "टिनटिन"की एक छोटी सी एक दुकान जहां हर चीज़ उस ही एक किरदार के रूप में बनी बिक रही थी कपड़ों से लेकर खिलौनों तक और बच्चों से जुड़ी लगभग हर वस्तु पर उभरी टिनटिन की आकृति फिर चाहे वो पेंसिल रबर हो या किताबें और कपड़े या फिर खिलौने हों या चाबी के कीरिंग जो बच्चों को बहुत ही ज्यादा आकर्षित कर रहे थे
एक मूर्ति और भी देखी हम ने जिसके नीचे लिखा था इस पर हाथ फेर कर आप मन चाही मुराद मांग सकते हैं वो ज़रूर पूरी होगी मूर्ति को देख कर तो यह प्रतीत हो रहा है। यह मूर्ति Everard 't Serclaes की है।
खैर आज की इस पोस्ट का यह पहला भाग यही समाप्त हुआ अगले भाग में फिर कुछ नयी तस्वीरों, अनुभवों और कुछ जानकारी के साथ आप सब से फिर मुलाक़ात होगी तब तक के लिए आज्ञा दीजिये नमस्कार ...:)
बहुत उम्दा, बेहतरीन यात्रा वृतान्त प्रस्तुति,पढ़कर आनंद आ गया,,सुंदर चित्र,,,,
ReplyDeleteRECENT POST: दीदार होता है,
सुंदर चित्र और यात्रा वृतांत ......
ReplyDeleteयात्रा जारी रहे ....
ReplyDeleteसुंदर यात्रा.............
ReplyDeleteसभी फोटो और आपका वृतांत इंट्रेस्टिंग है ...
ReplyDeleteफूलों का कालीन तो लाजवाब है ... असल में कैसा होगा ये सोच के रोमांच आ जाता है ...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति!
आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि-
आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल बुधवार (08-04-2013) के "http://charchamanch.blogspot.in/2013/04/1224.html"> पर भी होगी! आपके अनमोल विचार दीजिये , मंच पर आपकी प्रतीक्षा है .
सूचनार्थ...सादर!
होलेन्ड अपनी प्राकृतिक सुन्दरता और बेल्जियम अपने बफल के लिए प्रसिद्ध है.
ReplyDeleteखूब घूमो....:)
foto sahit sundar badhiya yatra sansamaran ,,,
ReplyDeleteसुंदर यात्रा वृतांत .....सुंदर चित्र
ReplyDeleteआप लन्दन में रहती हे fhir भी भारत की संस्क्रती से आपका प्रेम मुझे बहुत अच्छा लगा ! मुझे आपका ब्लॉग वास्तव में बहुत अच्छा लगा कभी टाइम मिले तो हमारे ब्लॉग पर भी पधारे मुझे आप जेसी लेखिका का मार्गदरसन मिलेगा तो बहुत खुसी होगी !
ReplyDeletehttp://hiteshnetandpctips.blogspot.com
सुन्दर प्रस्तुति बहुत ही अच्छा लिखा आपने .बहुत ही सुन्दर रचना.बहुत बधाई आपको
ReplyDeleteबढ़िया चित्र सहित वर्णन |
ReplyDeleteआशा
कई दृश्य तो पहली बार ही देखे, आनन्द आया।
ReplyDeleteबढ़िया यात्रा।
ReplyDeleteshaandaar yatra vritant :)
ReplyDeleteबहुत रोचक यात्रा वृतांत...
ReplyDeleteसुंदर चित्र और यात्रा वृतांत ...मजा आ गया
ReplyDeleteसुंदर जगह की खुशनुमा सैर .....
ReplyDelete"बहुत सुन्दर प्रस्तुति "
ReplyDeleteमेरे ब्लॉग डायनामिक पर पढ़े
" पाकिस्तान - दो तस्वीर "
यूरोजोन पर ऋण-संकट का क्या असर है,यह भी बताएं।
ReplyDeleteअच्छा लगा।,..... आपके साथ मैंने भी यात्रा का आनंद ले लिया ....
ReplyDeleteबढ़िया चित्र ,खुशनुमा सैर .
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति.
अच्छा है...खूब घूमिये और लिखिए और पार्ट्स भी हम पढ़ लेंगे...भले देर से ही सही लेकिन पढेंगे जरूर....:)
ReplyDeletebahut hi intresting way mein aapne likha hai...too good :)
ReplyDeleteसिलसिला फिल्म का वह गीत है "देखा एक ख्वाब तो ये सिलसिले हुए" है। मुहावरों का अधिकाधिक प्रयोग करो, उससे आपके लेख और पठनीय बन जायेंगे।
ReplyDeleteओ हाँ, बिलकुल सही कहा यार आपने बताइये अभी तक किसी और का ध्यान गया ही नहीं था इस बात पर, खैर अब ठीक कर दिया है मैंने, गलती बताने और सुझाव देने के लिए धन्यवाद भाई साहब :)
ReplyDeleteबहुत सुंदर विस्तृत वर्णन ..
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