Saturday 8 September 2012

परिवर्तन


परिवर्तन जीवन का दूसरा नाम है क्यूंकि परिवर्तन ही प्रकृति का नियम है, कहते हैं समय के साथ बदल जाना ही समझदारी की निशानी है क्यूंकि समय कभी एक सा नहीं रहता। इन्हीं कहावतों के चलते आइये आज बात करें शिक्षा के क्षेत्र में आये कुछ परिवर्तनों पर, युग बदला, बदला हिंदुस्तान जिसके चलते इंसानी जीवन में न जाने कितने अनगिनत बदलाव आये जो आज हमारे सामने है। जिन्होंने इंसानी जीवन के हर एक पहलू को छुआ फिर क्या समाज और क्या ज़िंदगी, इस ही बात को मद्देनज़र रखते हुए हम बात करते है अपनी शिक्षा प्रणाली की, क्यूंकि शिक्षा ही सच्चे जीवन का आधार है ऐसा मेरा मानना है। क्यूंकि ज्ञान ही सभी भेद भाव मिटाकर आपको आपका सच्चा हक़ दिला सकता है। :-)


अब बात करते हैं शिक्षा प्रणाली में आये हुए परिवर्तनों पर पहले हमारे देश में शिक्षा के लिए गुरुकुल की  व्यवस्था थी जो आज कि वर्तमान स्थिति को देखते हुए शायद सबसे अच्छी परंपरा थी, फिर उसके बाद स्कूल का चलन शुरू हुआ, जो आज भी बरक़रार है, किन्तु वहाँ अब ज्ञान की वर्षा नहीं केवल प्रतिस्पर्धा का माहौल है। जहां केवल ज्यादा से ज्यादा फ़ीस लेकर ज्यादा से ज्यादा अंक कैसे प्राप्त करने हैं केवल यह सिखाया जाता है। लेकिन उन अंकों को हासिल करने के पीछे जिस ज्ञान का रट्टा लगवाया जाता है। वह विद्यार्थी के मनस पटल पर कितना उतरा, उतरा भी या नहीं इस बात से ना तो शिक्षक को मतलब है और ना ही स्वयं विद्यार्थी को कोई लेना देना। 

ऐसे हालातों में अक्सर ऐसे बच्चे जो वास्तव में पढ़ना चाहते हैं, किन्तु अभिभावकों की आमदनी कम होने के कारण पढ़ नहीं पाते अर्थात आर्थिक तंगी के कारण वह चाह कर भी वो सब हासिल नहीं कर पाते जो वो करना चाहते हैं, जिसके वह वास्तव में सच्चे हकदार है। फिर चाहे वह शुरुआती शिक्षा हो या आगामी उच्च शिक्षा ऐसे हालातों में ऑनलाइन शिक्षा पद्धति के बारे में सोचना आपको शायद हास्यपद लगे। क्यूंकि हमारे देश में जनसंख्या के स्तर पर देखें तो एक बहुत बड़ा वर्ग ऐसा है, जिन्हें आज भी दो वक्त का खाना तक ठीक से नसीब नहीं है। ऐसे में भला वह बेचारे क्या जाने की कंप्यूटर क्या है और कैसे काम करता है। लेकिन फिर भी जो लोग पढ़ना चाहते हैं वास्तव में ज़िंदगी में कुछ कर दिखाना चाहते है वो यदि इस विकल्प पर ध्यान दें तो सच में वह अपने जीवन में सफलता के मार्ग पर बहुत आगे जा सकते है। क्यूंकि मेरी नज़र में यह एक बहुत ही अच्छा विकल्प है जिसमें पैसे कमाने के साथ-साथ शिक्षा प्राप्त करने का भी साधन है और ऐसे में यदि इस क्षेत्र में आज की तारीख में कोई नाम उभर कर सामने आता है तो वह है Dewsoft जो एक ऐसी संस्था का नाम है जिससे शायद आप भी वाक़िफ़ होंगे।


जाहिर सी बात है की यह नाम पढ़ते ही आपके दिमाग में सबसे पहला प्रश्न यही आया होगा कि Dewsoft ही क्यूँ ? है ना तो इसका भी जवाब है मेरे पास :) Dewsoft एक भारतीय बहुराष्ट्रीय कंपनी है। यह भारत में ई-लर्निंग की सबसे बड़ी संस्थाओं में से एक है यह दुनिया भर में 20,000,00 से अधिक संतुष्ट ग्राहकों की आवश्यकताओं का ध्यान रखती है कंपनी और इसके प्रमोटर दुनिया भर की प्रतिष्ठित परियोजनाओं पर काम करते हैं यह योजना सरकार के साथ कई प्रतिष्ठित परियोजनाओं पर भी काम करती है केवल इतना ही नहीं 12 साल से अधिक वर्षों के अनुभ के साथ कुशल प्रबंधन और सभी आयु समूहों के लिए 200 से अधिक डिज़ाइन किए गए कार्यक्रम है। इसलिए यदि इस विषय में यह कहा जाये कि Dewsoft का दूसरा नाम ही स्थिरता, निश्चिता और सुरक्षा है तो इसमें कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी हालांकी पिछले एक दशक में कई कंपनियाँ आई और उन्होने सीधे अर्थात डारेक्ट सेलिंग और नेटवर्क मार्केटिंग के नाम पर लोगों में अविश्वास बढ़ाया है लेकिन Dewsoft एक ऐसी संस्था है जिसके पास लोगों को सफल बनने के एक दूरगामी दृष्टि है।


अब एक नज़र कंपनी के काम पर Dewsoft overseas D.E group का एक हिस्सा है जो software design development and export के क्षेत्र में काम करती थी। लेकिन अब कंप्यूटर शिक्षा के क्षेत्र में पार संभावनाओं को देखते हुए Dewsoft overseas ने एक नारा दिया।


"एक ही मक़सद एक निशाना, कंप्यूटर साक्षर सारा जमाना"


अपने इस विश्व स्तरीय शिक्षा का ला जन-जन तक पहुंचाने के लिए MLM (multi level marketing) के माध्यम से एक कार्यक्रम की शुरुआत की गयी है पढ़ाई के साथ कमाई अर्थात (earn while you learn ) इसकी स्थापना 24 अक्टूबर 2000 धनतेरस के पावन अवसर पर की डॉ. नरेन्द्र् नाथ तत्कालीन शिक्षा एवं उद्योग मंत्री, दिल्ली सरकार के कर कमलों द्वारा हुआ। भारत में इसका मुख्यालय दिल्ली में स्थिति है। 12 वर्षों की कम अवधि में कार्यक्रम में 8 लाख से अधिक सदस्य है जो भार ही नहीं बल्कि दुनिया भर से जुड़े हैं जैसे कनाडा नेपाल मॉरीशस एवं संसार के अन्य देशों से हैं जिसके चलते Dewsoft आज एक सफल नाम है।


अब आप सोच रहे होंगे की यह multi level marketing क्या बला है। तो मैं आप सभी को बता दूँ कि एम.एल.एम एक मात्र ऐसा उद्योग है जिसमें मंदी की कोई संभावना नहीं है क्यूंकि इस उद्योग का कच्चा माल आम लोग हैं जिसकी वृद्धि दर सिर्फ भारत में ही हर 3 सेकंड में 2 है M.L.M एक मात्र ऐसा उद्योग है जो बिना आपकी लागत को बढ़ाए आपके संसाधनो को बढ़ाता है। यह M.L.M आज सारी दुनिया में बहुत तेज़ी से फैलता जा रहा है अर्थात यदि कम शब्दों में बड़ी कही जाये या छोटा मुँह बड़ी बात कही जाये तो इस व्यवसाय में सफलता की दर 22. 5 प्रतिशत है जो किसी भी अन्य व्यवसाय की तुलना में बहुत ज्यादा है।क्यूंकि इसमें आपको कंप्यूटर का ज्ञान मिलता है और साथ ही बनाने का मौका भी मिलता है  

बस इस क्षेत्र में आगे बढ्ने के लिए यदि सबसे ज्यादा ज़रूरी कुछ है तो वो है कंप्यूटर शिक्षा। क्यूंकि आजकल केवल उनको ही रोज़गार के अच्छे अवसर मिल पाते हैं जो कंप्यूटर शिक्षित हों और जैसा की आप जानते हैं कि कंप्यूटर जीवन शैली का एक अभिन्न अंग बन गया है। जिसने आज हमारे जीवन जीने का ढंग बदल दिया है जिसका बहुत ज्यादा प्रभाव हम अपने रोज़मर्रा की जीवन शैली पर आसानी से देख सकते हैं कंप्यूटर आज हमारे लिए भोजन, वस्त्र, आवास और यहाँ तक ऑक्सीज़न की तरह ज़रूरी हो गया है और एक महत्वपूर्ण बात आज आई टी उद्योग के क्षेत्र में भारतीय उप-महाद्वीप में एक जबर्दस्त उछाल आया है आज भारत के लगभग सभी कार्य क्षेत्र या प्रत्येक विभाग जैसे बैंकिंगप्रत्येक सरकारी और गैर सरकारी दफ़तर, स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी, रेलवे, बिजली विभाग, अस्पताल आदि सभी कंप्यूटरीकरण हो रहे हैं। इसलिए इस संस्था से जुड़ने के लिए केवल आपको जिस एक मात्र पद्धति का ज्ञान होना आवश्यक है वह है कंप्यूटर शिक्षा अर्थात information technology. लेकिन यदि आपको कंप्यूटर शिक्षा न भी आती हो तो भी आप इस संस्था से जुड़कर यहीं से कंप्यूटर शिक्षा भी प्राप्त कर सकते हैं क्यूंकि इसमें ना सिर्फ आपको कंप्यूटर का ज्ञान मिलता ही है बल्कि आमदनी के साथ-साथ भविषय बनाने का सुनहरा मौका भी मिलता है। यानि एक तरह से "आम के आम गुठलियों के दाम"जैसी बात है, है ना मज़े की बात। बाकी अधिक जानकारी के लिए तो गूगल बाबा जिंदाबाद हैं हीं :-) ....               

19 comments:

  1. आपने सही कहा,कि आज के इस आधुनिक में कंप्यूटर शिक्षा जरूरी है, इससे ज्ञान और रोजगार के अच्छे अवसर मिलते है,,,,,

    बहुत बढ़िया बेहतरीन आलेख ,,,
    RECENT POST,तुम जो मुस्करा दो,

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  2. बढ़िया लेख ... आज की शिक्षा में कंप्यूटर जानना आवश्यक हो गया है

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  3. परिवर्तन के लिए तकनीक से साथ भी जुड़ना ही होगा

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  4. धन वर्षा अब आपके अपने हाथ में है
    आपने अपने अनुभव शेयर किए हैं। अब हम अपने अनुभव बताने की इजाज़त चाहेंगे।
    शिक्षा हरेक उम्र में हासिल की जा सकती है
    (1) हम एक रिक्शा में बैठे। एक नौजवान भी साथ में आ बैठा। हमारे पूछने पर उसने बताया कि वह हाई स्कूल भी नहीं कर पाया क्योंकि उसके मां बाप के हालात उसे पढ़ाने लायक़ नहीं थे। हमने उसे कहा कि अब आप कमाते हो, ख़ुद पढ़ लो। एनओएस के माध्यम से आप बिना स्कूल जाए ही हाई स्कूल और इंटर कर सकते हो और उसके बाद आप इंदिरा गांधी ओपन यूनिवर्सिटी से आगे की पढ़ाई कर सकते हो।
    इंसान के अंदर पढ़ने की चाहत जगाना असली काम है। यह चाहत न हो तो आदमी पढ़ नहीं सकता चाहे उसके पास कितना ही पैसा क्यों न हो।

    आज हरेक नर-नारी पैसे वाला बन सकता है
    (2) आज पैसा अहमियत रखता है। हरेक आदमी आज पैसे वाला बन सकता है। पैसे के लिए आदमी को व्यापार से जुड़ना चाहिए। चाहे वह कोई नौकरी ही क्यों न कर रहा हो।
    हरेक आदमी को बहुत सी चीज़ों की ज़रूरत पड़ती है। उनमें से आप कुछ भी उन्हें बेच दीजिए। हरेक सिर पर बाल हैं। बाल टूटना, उनका सफ़ेद होना और लंबा न होना हरेक मर्द-औरत की समस्या है। इसके सौ से ज़्यादा नुस्ख़े इंटरनेट पर ही उपलब्ध हैं।
    5 रूपये का तेल आप 50 रूपये में बेचेंगे। जितने कन्ज़्यूमर होंगे, उतने ही आपके प्रचारक होंगे। समय के साथ आपके प्रोडक्ट की सेल बढ़ती चली जाएगी और दौलत आपके समेटने में नहीं आएगी। शहनाज़ हुसैन ने अपने काम की शुरूआत अपने घर के बरामदे से की थी। आपके पास शुरूआत करने के लिए उससे अच्छी जगह हो सकती है।
    आप मार्कीट में आंवले के तेल के नाम पर बहुत से हरे रंग के तेल बिकते हुए देखेंगे। उनमें आंवला नहीं होता। बस हरा रंग और आंवले की ख़ुश्बू होती है। वह भी तिल के तेल में नहीं बल्कि किसी सस्ते से रिफ़ाइन्ड ऑयल में जिसे केमिकल से प्रॉसिस किया जाता है और एक मशहूर ब्रांड के तेल में मिटटी का तेल भी डाला जाता है। जिसके असर से बाल समय से पहले सफ़ेद हो जाते हैं। अक्सर मशहूर ब्रांड का यही हाल है।
    आपको आंवले का तेल चाहिए तो हमदर्द का लीजिए या फिर बैद्यनाथ का महाभृंगराज तेल लीजिए। भृंगराज एक औषधि है जो क़स्बों और देहात में नालियों के किनारे उगती है। इस पर सफ़ेद फूल आता है। हमें इसकी पहचान है। हमें यह मुफ़्त मिल जाता है वर्ना बाज़ार में सूखा हुआ बहुत महंगा मिलता है।
    गूगल की मदद से आप इसका चित्र पहचान लीजिए तो आपको यह अपने घर के आस पास ही मिल जाएगा। आप अपने लिए महाभृंगराज का तेल ख़ुद बनाइये। आंवले का तेल भी आप ख़ुद बना सकते हैं। तरीक़ा बहुत आसान है।
    मिसाल के तौर पर आप 10 ग्राम आंवले लीजिए और उसे सोलह गुने पानी में भिगो दीजिए। रात भर भीगने के बाद आप सुबह उसे मंद आंच पर पका लें। जब पानी आधा रह जाए तो यानि कि 80 ग्राम तो उसे छान लीजिए और उसमें 80 ग्राम तिल का तेल मिलाकर फिर आग पर पकाएं। जब पानी भाप बनकर उड़ जाए तो सिर्फ़ तेल बचेगा। यही वास्तव में आंवले का तेल है। इसमें आप बाज़ार से ख़ुश्बू और रंग अपनी पसंद का लेकर मिलाएं और बेचें।
    आप भृंगराज का तेल भी इसी विधि से बना सकती हैं। ये नुस्ख़े बनाने मुश्किल लगें तो एक सस्ता और तेज़ असर करने वाला नुस्ख़ा हरेक बना सकता है। आप तिल के तेल में बरगद के पत्ते और उसकी दाढ़ी पकाकर भी बेचने लगें तो लोगों के बाल टूटना बंद हो जाएंगे। तेल का रिज़ल्ट आपके तेल की सेल बढ़ा देगा। कुछ दूसरे तरीक़ों से भी आप तेल तैयार कर सकते हैं। इन्हें आप यूट्यूब में उपलब्ध वीडियो में देख सकते हैं।

    (3) आपका इरादा आपको आगे ले जाएगा
    कहने का मतलब यह है कि अपने मिलने जुलने वालों के नेटवर्क में किसी दूसरी कंपनी के उत्पाद इंट्रोड्यूस कराने से बेहतर है अपने ख़ुद के प्रोडक्ट्स बेचना। कंपनी आपको अपने मुनाफ़े का एक छोटा सा हिस्सा देती है जबकि अपने प्रोडक्ट्स बेचकर सारा मुनाफ़ा आप ख़ुद रखते हैं और अपनी कंपनी के सीईओ कहलाने का सुख आपको अलग से मिलता है।
    भारत में जितने लोग बेरोज़गार हैं, अपनी नासमझी की वजह से बेरोज़गार हैं। हर तरफ़ चीज़ें बिक रही हैं लेकिन न तो वे चीज़ें हमारी बिक रही हैं और न ही उन्हें हम बेच रहे हैं। वे चीज़े मल्टीनेशनल कंपनियों की बिक रही हैं और हम उन्हें ख़रीद रहे हैं। हमारा पैसा विदेश जा रहा है।
    एमएलएम कंपनियों ने हमें बेचना सिखा दिया है।
    उनका शुक्रिया ।
    अब इस स्किल का भरपूर फ़ायदा उठाने की ज़रूरत है।
    आपकी पोस्ट अच्छी है और प्रेरक भी, कि इतना कुछ लिखने की प्रेरणा मिली। कमेंट में संबोधित आप हैं लेकिन संदेश सबके लिए है। कम्प्यूटर वालों के लिए आपने लिखा और बाक़ी सबके लिए हमने लिख दिया है। जो कम्प्यूटर कोर्स न करना चाहें, वे भी बहुत कुछ कर सकते हैं।
    यह कमेंट आपकी पोस्ट के अंश समेत यहां सहेजा जा चुका है-
    http://commentsgarden.blogspot.com/2012/09/how-to-make-amla-hair-oil-at-home.html

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  5. बहुत बढ़िया एवं उपयोगी जानकारी...आपका आभार..|

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  6. कम्प्यूटर आज कल हमारी दैनिक दिनचर्या में शामिल हो गया है ... शिक्षा का क्षेत्र हो या बेकिंग या अन्य कामकाजी कार्य भी हो सकते हैं ...

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  7. अर्ध जानकारी हो गई है ... वाकई बहुत ज़रूरी है

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  8. bahut behtareen jaankari
    ek MLM se main bhi juda hoon... aur hamne bahut kuchh paya hai us se, infact Foreign trip bhi achieve kiya, wo agal baat hai ham akele gaye nahi:)

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  9. अच्छी जानकारी है. शिक्ष के क्षेत्र में काफी कुछ नया हो रहा है . अच्छा है समाज के लिए . ज्ञान से ही उत्थान होगा .

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  10. thanks di..
    सार्थक पोस्ट....अच्छी जानकारी...

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  11. तकनिकी जानकारी तो वैसे भी आज के युग में जरूरी है अपने आप को समय के साथ रखने के लिए ...
    सार्थक पोस्ट ...

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  12. शिक्षा का विस्तार तो बढ़ाना ही होगा..कैसे भी हो।

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  13. वाह!
    आपके इस उत्कृष्ट प्रवृष्टि का लिंक कल दिनांक 10-09-2012 के सोमवारीय चर्चामंच-998 पर भी है। सादर सूचनार्थ

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  14. बेहतरीन जानकारी है।

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  15. यह सब तो समय की मांग है...........सुंदर आलेख....

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  16. सार्थकता लिए सशक्‍त लेखन ... आभार

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  17. जानकारी साझा करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद ...
    dewsoft के बारे में जितने लोगों को बता पाया बताऊंगा ...

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  18. आपका लेख बहुत उत्तम है, इस लेख को पढने के बाद सभी मानते हैं ,की कंप्यूटर की जानकारी जिन्दगी की जरूरत है , और पैसा भी जरूरी है, मतलब हम सरस्वती जी को लोगों को बताते है और लक्ष्मी जी पीछे पीछे आ जाती है.

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