caravans |
Glen Coe |
Loch Lubnaig (Loch Lomand) |
Fort Augustus |
इनवरनेस की शाम का नज़ारा |
इसलिए सारी जनता बाज़ार में भोजनालयों पर टूट पड़ी थी, इस तरह लगभग 3-4 भोजनालयों में भटकते-भटकते एक भारतीय भोजनालय में हमको स्थान मिल ही गया, तब तक सभी की भूख़ ज़ोरों से भड़क चुकी थी। सो खाने का स्वाद कैसा है, इस से किसी को कोई मतलब ही नहीं था। सब बस यह सोचकर खाये जा रहे थे कि जो मिल गया वो बहुत समझो और आज के लिए स्वाद को एक तरफ करके बस खा भर लों फिर कल की कल देखी जाएगी, सो सबने खा लिया और होटल आकर सो गए।
यह था हमारी इस स्कॉटलैंड यात्रा का दूसरा दिन और इस आलेख का दूसरा भाग 2.... तीसरे भाग के लिए अभी इंतज़ार कीजिये जल्द मिलेंगे जय हिन्द .... :)
बढ़िया यात्रा वृतांत , सुंदर चित्र .... भारतीय भोजनालय देखर सच में अच्छा बड़ा लगता है...
ReplyDeleteबढ़िया वृत्तांत ।
ReplyDeleteबढ़िया चल रहा है संस्मरण . रोचक . अगले अंक की प्रतीक्षा
ReplyDeleteसचित्र यात्रा वृतान्त रूचिकर प्रस्तुति।
ReplyDeleteबहुत बढ़िया जानकारी .......बहुत काम आयेगी ...इस बार ....!!बहुत आभार ....!!
ReplyDeleteजितना सुन्दर स्कॉटलैंड, उतना ही सुन्दर वृत्तान्त।
ReplyDeleteबढ़िया वृतांत है.हम भी वहाँ कारवां में ही रुके थे अलग ही अनुभव होता है वह भी.
ReplyDeleteधन्यवाद शिखा जी,मगर हम लोग caravans में नहीं रुके थे मैंने तो केवल पाठकों की जानकारी के लिए उस विषय में लिखा है :)मुझे उसमें रहने का अनुभव करना अभी बाकी है।
ReplyDeleteशाकाहारी लोगों को तो यहाँ भी मुश्किलें आती हैं . क्योंकि कहीं भी जाएँ , खाने में वही मिलता है --शाही पनीर , मिक्स वेज और दाल मक्खनी .
ReplyDeleteकेरावान का अनुभव कभी नहीं किया हमने . हालाँकि कनाडा के जंगल में देखे बहुत थे लेकिन हम तो देसी स्टाइल में टेंट गाड़ कर रहे थे .
मज़ेदार यात्रा विवरण .
bahut hee achche se likkha hai... ab to Scotland jaana hee padega...
ReplyDeleteइतना तो समझ आ ही गया कि खाने-पीने की दिक़्क़तें काफ़ी हैं।
ReplyDeleteचित्र अंत के बड़े अच्छे हैं।
तीसरा भाग का इंतज़ार है।
सुन्दर सचित्र यात्रा वृत्तान्त ..
ReplyDeleteबहुत रोचक यात्रा वृतांत....बहुत सुन्दर चित्र ...
ReplyDeleteबहुत बढ़िया रोमांचकारी यात्रा प्रस्तुति,...चित्र बहुत अच्छे लगे
ReplyDeleteMY RECENT POST काव्यान्जलि ...: कवि,...
आपकी कथन-भंगिमा और चित्रों ने यात्रा-वर्णन और आकर्षक बना दिया !
ReplyDeleteअभी तो सिर्फ चित्र देख रहा हूँ .....
ReplyDeleteयात्रा का आनद ...आपकी पूरी यात्रा लिखने के बाद ...
शुभकामनाएँ!
भारतीय खाना अब सब जगह मिलने लगा है ... आपका यात्रा वृतांत बहुत रोचक लग रहा है ... फोटो भी लाजवाब हैं सारे ...
ReplyDeleteबड़ी मनोहारी तस्वीरें हैं..वर्णन भी रोचक...
ReplyDeleteअच्छी चल रही है संस्मरण श्रृंखला..
बढिया है जी।
ReplyDeleteवाह...सुना तो था लेकिन आज आपकी नज़रों से देख भी लिया...
ReplyDeleteबेहद खूबसूरत जगह है और तस्वीरें भी जबरदस्त हैं!!
इनवरनेस की शाम की तस्वीर तो सबसे ज्यादा प्यारी लगी!!
सुन्दर मनोहारी तस्वीरों से आपकी प्रस्तुति में चार चाँद लग गए हैं.
ReplyDeleteशाकाहारी भोजन मिले तो यात्रा का मजा आये.
आपने घर बैठे ही पढ़ने और देखने का मौका दिया
इसके लिए धन्यवाद आपका.
वाह!
ReplyDeleteऐसी जगहों पर खाने की समस्या है, खास कर जो बीफ़ एवं पोर्क नहीं खाते। बढिया वृतांत, आगे चलते हैं।
ReplyDeleteयह यात्रा अनुभव भी खूब रहा. सुंदर फोटो और वर्णन. मुझे लगता है कि घूमना भी उनको आता है जिन्हें खूब भली प्रकार से खाना आता है.
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