Saturday 9 October 2010

Common Wealth Games (CWG) and Media

News channels और आप या हम वैसे देखा जाये तो यह विषय बहुत पुराना हो चुका है हजारों लाखों लोग इस विषय पर अपने विचार व्यक्त कर चुके हैं और मैं अपने विचार व्यक्त करने की कोशिश कर रही हूँ वैसे इस बारे में  मेरा अपना कोई निजी अनुभव नहीं है किन्तु फिर भी मुझे लगा कि शायद में इस विषय पर लिख सकती हूँ इस सिलसिले में आप को यहाँ बताना चाहूंगी कि इस विषय पर आधारित फिल्म (रण) मुझे बेहद पसंद आयी थी उस में जो भी कुछ दिखाने कि कोशिश की गयी थी उस से मैं काफी हद तक सहमत हूँ, मगर इस सब के बावजूद में यह मानती हूँ कि मीडिया ही एक ऐसा जरिया है आज कल जो हमारे देश को और अन्य देशों कि नज़रों में बहुत बढ़ा भी सकता है और बहुत हद तक गिरा भी सकता है. या यूँ कहा जाये की मीडिया देश का आईना है तो गलत नहीं होगा.

मगर में यहाँ थोड़ी रोशिनी डालना चाहूंगी आज कल चल रहे ताज़ा topic CWG के उपर,  आज कल हर  न्यूज़ चैनल लगा है इसी विषय को लेकर अपनी-अपनी राय देने और अपने-अपने news channel के जरिये एक ही बात को  घुमा फिराकर एक अलग ढंग से पेश करने.  मगर मेरा प्रश्न यह है कि किसी भी news channel का असली काम क्या है मेरे हिसाब से इस बात का उतर यह होना चाहिये कि हम तक किसी भी समाचार को सही ढंग से पहुँचाना  अर्थात न कि उसको बढ़ा चढ़ा कर एक मसालेदार समाचार बना कर पेश करना. जैसा कि आज कल CWG के विषय को लेकर हो रहा है और उस बारे में जान कर सुन कर पढ़ कर मुझे बेहद अफसोस के साथ कहना पढ़ रहा है कि हमारे यहाँ के सभी न्यूज़ चैनल बर्बाद हैं. यहाँ में किसी तरह कि कोई तुलना नहीं कर रही हूँ कि यहाँ के अच्छे है या वहां के ख़राब मगर इतना तब भी यह ज़रूर कहूँगी कि हमारे यहाँ के सभी न्यूज़ चैनल बर्बाद है.
जो खुद अपने ही हाथों से अपने देश कि इज्जत डुबोने में लगे हुये हैं. मैं यह नहीं कहती कि वो सिर्फ हमेशा दूसरे देशों की ख़बरों को ही उजागर करे और अपने देशों कि ख़बरों को नहीं मगर मेरा मानना यह है कि न्यूज़ चैनल आज के दौर में हर एक देश के आईने कि तरह काम करते हैं  और उस आईने में वो खुद के देश की छवि को ही ख़राब ढंग से दिखाना शुरू कर देंगे तो अन्य देश के लोगों को तो खुलेआम ऊँगली उठाने का परिहास करने का मौका मिलेगा ही ना.

माना कि सभी समाचार पत्रों का और news channels का काम ही यही है कि समाचार चाहे जहाँ का भी उस के अंतर्गत सच पूर्ण रूप से सामने लाने का प्रयास होना चाहीये. वह भी बिना किसी भेद भाव के, मगर ऐसा बहुत कम ही देखने को मिलता है आज कल यहाँ (UK) के अख़बारों में CWG से जुडी सभी खबरे नकारात्मक रूप से छापी जा रही है जिसके कारण हमारे देश कि बहुत छवि ख़राब हो रही है और इस वजह से जो लोग CWG  खेलों के प्रति उत्सुकता या जोश रखते भी हैं उस विषय में जानने  के लिये ,पढने के लिये, उनका उत्साह भी कम हो जाता है. ऐसे में ख्याल आता है एक यही मीडिया ही है जो हमारे देश की नाक बचा सकता है और यहाँ के लोगों में जो उत्साह football world cup के दौरान हुआ करता है उस जोश को जगा सकता है. मगर हो उलटता ही रहा है यही मीडिया आज हमारे देश कि इज्जत बचाने के बदले खुद अपने हाथों हमारे देश कि इज्जत लुटाने  में लगा है वहां की अव्यवस्था  को लेकर यहाँ के अख़बारों में रोज़ ही फोटो समेत आलोचनाएँ छप रही हैं जिसके चलते आम लोगों के नज़रों में  भारत की छवि बहुत बिगड़ रही है जो कि हम भारतीय लोग के लिये बहुत ही शर्मनाक बात है

मेरा ऐसा मानना है कि यहाँ हमारे यहाँ के सभी news channels को मुख्य भूमिका निभाते हुए CWG खेलों के प्रति लोगों को वहां कि अव्यवस्था के साथ जो भी अच्छे इंतजाम हैं, उन पहलूओं को भी उजागर करना चाहिये जिससे की  लोगों को वहां के नकारात्मक बिन्दुओ के अलावा वहां होने वाले कुछ सकारात्मक बिंदु भी दिखाई दें सकें जैसे इतने सालों बाद हमारे देश में इतने बड़े स्तर पर CWG खेलों का होना ही अपने आप में एक बहुत बड़ी एवं महत्वपूर्ण बात है और उससे जुडी कुछ अच्छी तस्वीरें जैसे stadiums का फोटो या और उस से जुडी अन्य और  तस्वीरें ताकि विदेशी खेल प्रेमियौं  का इस हद तक उत्साहवर्धन हो सके कि वो इन खेलों को देखने भारत जाने के लिये आतुर हो जाएँ. वैसे  मै यहाँ यह भी कहना चाहूगी कि जैसा यहाँ football world cup के दौरान हुआ था कि जब तक विश्व कप शुरू नहीं हुआ था उसके पहले वहां के अर्थार्थ Africa के stadium के बारे में मीडिया ने कहीं कोई किसी तरह कि जानकारी नहीं दी थी कि वहाँ किस तरह कि तैयारियों हो रही हैं या बाकि है या चल रही हैं. सीधा खेल का प्रसारण ही किया गया था या जब कभी इस विषय में कोई समाचार पढने या सुने को मिलता भी था. तो वो पूरी तरह से अच्छा हुआ करता था न कि हमारे यहाँ कि तरह सिर्फ बुराईयाँ ही दिखाई जाती थी जैसे आज कल दिखाई जा रही हैं और छापी जा रही हैं कहने का मतलब यह कि जब उन लोगो ने पहले से नहीं गाया तो हमारे यहाँ वाले क्यूँ खुद गागा कर सबको अपनी कमज़ोरियाँ खुद ही बता रहे हैं और अगर मामला प्रचार का है तो अच्छी बातों के ज़रिये भी तो प्रचार किया जा सकता है फिर क्यूँ यह सभी news  chennels  अपने देश की बदनामी आप करने में लगे हुए हैं.

लेकिन CWG के भव्य उदघाटन ने होने वाली सभी आलोचनाओ को ग़लत साबित कर दिया और यह सभी News channels ने भी उसे बहुत सराहा कि जितनी वहाँ की बद इन्तजामी को लेकर पहले बुराईयाँ की गयी थी वो सभी लगभग निर्थक साबित हुई और यहाँ के लोगों ने भी उसे बहुत सराहा और पसंद किया. लोगों को जानने का मौका मिला कि जो तस्वीर उनके सामने पहले पेश की गयी थी वो पूर्ण रूप से सही नहीं थी. जैसा मैंने पहले कहा कि उस छवि को बदलने में भी मीडिया का ही हाथ है.
लेकिन सवाल है यही चीज़ पहले भी दिखाना चाहिये था कि ज्यादातर इंतज़ाम बहुत अच्छे हैं और कुछ इंतज़ाम में ये कमियाँ हैं. लेकिन मीडिया का सारा ध्यान सिर्फ और सिर्फ TRP पर है और कोई भी छोटी सी छोटी खबर को मसालेदार बना कर पेश करना ही मुख्य उद्देश्य बन गया है. जबकि उनको ये भी समझने कि जरूरत है उनकी किस खबर से क्या असर होगा.

अंत इतना ही कहना चाहूंगी इन सभी मीडिया वालों से सही ख़बरों के दोनों पहलूओं को पूर्ण रूप से जनता के सामने प्रसारित करें ताकि आम जनता के मन में उस समाचार के प्रति सिर्फ एक ही सोच न बने बल्कि वो उन दोनों पहलूओं पर विचार करके अपना मत रख सकें और जान सकें कि क्या सही है और क्या ग़लत या फिर ऐसा कहना ज्यादा ठीक होगा कि क्या सच है और क्या झूठ.... जय हिंद






7 comments:

  1. Fair views absolutely agreed with the point taken in the blog media plays very important roles in building image. So media should be very sensible and mature in presenting the news.

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  2. i agree
    this had been the most memorable opening event

    india rocks..............

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  3. हमे तो अपनो ने ही मारा गैरोन मे कहा दम था, मेरी कश्ती भी वही डूबी जहा पानी कम था...

    यह शायद हमारे देश कि मीडिया के लिये ही कहा गया था, मे आप से पूरी तरह सहमत, इस बात को Peepli Live के माध्यम से बहुत ही सुन्दर ढग से कहा गया है. आज कही न कही media सच नही पर सच के नाम पर वह सब दिखा रही है जिससे उन्हे TRP मिल सके.
    अगर सही मे Media को देश की ईज़्ज़त से सारोकार है तो हमे यह उम्मीद करना चाहिये कि जिन लोगो कि कालाबाजारी, भ्रष्टाचार से देश की बदनामी हुई हे media उन्हे कडी से कडी सज़ा दिलवाए...

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  4. सुंदर ब्लॉग और सुंदर जानकारी. बड़े आयोजन के बड़े घोटाले. इसमें मीडिया ने मसाले भी छोंक दिए. आयोजन सफल रहा. इस सब को वस्तुनिष्ठ दृष्टि से देखा जाना चाहिए.

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  5. पल्लवी जी, न्यूज़ चैनल वालों ने इतनी बुराइयां की थी की मैं भी थोड़ा चिंता में आ गया था की क्या होगा इस से.डब्लू.जी का... मिडिया का ये रुख खैर मुझे कुछ नया नहीं लगा...लेकिन हाँ, ऐसी नेगेटिविटी नहीं दिखानी चाहिए थी इस खेल को लेकर...
    खैर, अब तो सब जान गए हैं की कितना भव्य आयोजन हुआ है इन खेलों का...
    सब के मुहँ पे ताला लग गया है....जो खिलाड़ी आयोजन के कारणों से प्रतियोगिता से अपना नाम वापस ले लिए थे...वो अब सोच रहे होंगे की बेकार में नाम वापस लिया :) आ जाते तो बेहतर था :)

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  6. आपके विचारों से सहमत हूँ.
    लिखती रहिए.

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