Friday, 13 January 2023

फेसबुक वाल और व्हाट्सप्प स्टेटस के बीच उलझी ज़िंदगी~


फेसबुक वाल और व्हाट्सप्प के स्टेटस में उलझी ज़िंदगी सुनने में अजीब लगता है है ना ! लेकिन आज की जीवन शैली का यही सर्वभोमिक सत्य है। क्यूंकि सोश्ल मीडिया आज के समय की शायद सबसे बड़ी अवश्यकता है। इंसान एक दिन बिना भोजन के रह सकता है, बिना जल के भी रह सकता है। लेकिन बिना इंटरनेट के नहीं रह सकता। इसका सबसे बड़ा उदाहरण तो आपको समस्त स्त्रियॉं के निर्जले वर्त और त्यौहारों पर बड़ी ही सुलभता से देखने मिल जाएंगे। इन वर्तों में या उपवासों में भले ही पूजा जरूरी हो या न हो, किन्तु फोटो खींचना और उसे सोशल मीडिया के तमाम प्लेटफार्मों पर डालना सर्वाधिक महत्वपूर्ण कार्य सिद्ध होगया है। दूजा आप यदि किसी भी वजह से खुश है, जो कि ईश्वर करे आप सदा खुश रहें। तो भी दुनिया को कैसे पता चलेगा कि आप आज बहुत खुश हैं। तो भई फेसबुक और व्हाट्सप्प स्टेटस से ही तो सब को पता चलेगा ना कि आज आप बहुत खुश है। वहीं दूसरी और यदि आप किसी कारण वश बहुत परेशान है या दुखी है तो यह भी तो सब को पता चलना चाहिए न है कि नहीं ? नहीं आप बताओ है ना ! तो इसके लिए भी फेसबुक की दीवार और इंसटाग्राम हैं ना दुख भरी पोस्ट सांझा करने के लिए।

तीसरा और सबसे महत्वपूर्ण कारण यदि आपको ऐसा लगे कि आज आप बहुत ही खूबसूरत लग रहे हैं। तब तो फिर बात ही क्या जनाब...! अब इतनी जोरदार बात भी तो सभी को पता चलनी चाहिए, है कि नहीं! तो बस ज्यादा कुछ नहीं करना है आपको, बस सेल्फी टाइम का टेग चिपकाकर अपनी तसवीरों कि भरमार से भर दीजिये अपनी फेसबुक की दीवार, व्हाट्सप्प स्टेटस, इंसटाग्राम आदि पर, और क्या चाहिए। वैसे इसमें कोई बुराई नहीं है। ना ना, मैं इस सब के खिलाफ नहीं हूँ। मैं तो खुद भी इस सब का हिस्सा हूँ । आखिर मैं भी आप सब में से ही एक हूँ। हालांकि मैंने तो यहाँ बहुत ही आम उपयोग में आने वाले केवल दो एप्स्स को ही सम्मिलित किया है। वरना आज कि तारिक में तो न जाने कितने ऐसे प्लेटफॉर्म है सोश्ल मीडिया पर जिन पर जाकर लोग अपनी भावनाएं प्रकट किया करते है। पर असल मुद्दा यह नहीं है कि ऐसा कुछ भी करना उचित है या अनुचित है।

बात तो यह है कि इस सोश्ल मीडिया ने हमारी जिंदगी जितनी आसान बना दी, उतना ही कहीं न कहीं हमे वास्तविकता से दूर कर दिया है। इतना दूर कि आज हम कैसा महसूस कर रहे है उसकी भी तस्वीरें ले लेकर दूसरों को दिखाना पड़ रहा है। जरा सोचिए, भावनात्मक स्तर पर जब हमारा यह हाल है तो इस आभासी दुनिया में जीते जीते हम खुद आभास हीन होते चले जा रहे हैं और हमे पता भी नहीं चल रहा है। बस भेड़चाल में भेड़ बने, बिना कुछ सोचे, बिना कुछ समझे, बस चले जा रहे हैं। ना रस्तों का पता है, न मंजिल का पता है। सबसे ज्यादा अफसोस तो तब होता है, जब इन्ही माध्यमों पर हमें अपने उन लोगों कि झूठी तस्वीरें दिखाई देती है, जिनकी असल ज़िंदगी के बारे में हम बहुत करीब से जानते है कि वह व्यक्ति वास्तव में अंदर से कितना दुखी है। यही से एक सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न कि उत्पत्ति होती है कि आखिर ऐसी क्या बात है इस दुनिया में कि यह आज के समय की सबसे बड़ी आवश्यकता बन गयी है।

जहां तक मेरी समझ कहती है, जीवन की अपूर्णता ही इस आभासी दुनिया की सबसे बड़ी जरूरत है। जब आपको अपने निजी जीवन में ऐसे लोग नहीं मिलते, जो आपके लिए थोड़ा सा समय निकालकर आपसे बात कर सकें, आप पर ध्यान दे सकें, आपसे दो बोल प्यार के बोल सकें। ज्यादा कुछ नहीं तो कम से कम इतना ही पूछ लें कि आज आप कैसे हो, या आज आप बहुत अच्छे लग रहे हो, या ऐसी कोई भी बात जो आप चाहते हो कि कोई आप से पूछे, आप किसी से मिलो, तो आप उससे पूछो और बातों का सिलसिला चले। कुछ मन बदले, यह आम जीवन की वह बातें हैं, जिसकी आशा हम अक्सर अपने आस पड़ोस वालों से या अपने घरवालों से रखते हैं।

लेकिन जब आजकल की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में जहां किसी को किसी के लिए समय नहीं है। यहाँ तक के परिवार के सदस्यों तक के पास इतना समय नहीं है कि वह एक साथ मिलकर खाएं, बैठें और आपस में एक दूसरे से इस तरह कि बातें पूछें और बताएं, बात करें और जब यही छोटी छोटी बातें हमें यह सोश्ल मीडिया के किसी प्लेटफार्म पर मिलती हैं। तब बहुत ही आसानी से हम वास्तविक दुनिया को भूलकर इस आभासी दुनिया कि ओर मुड़ जाते है। या यूं कहे कि इस दुनिया में खुश रहना सीख जाते हैं, तो इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। फिर धीरे-धीरे ज़िंदगी इस फेसबुक कि दीवार और इस व्हाट्सप्प  के स्टेटस में उलझ के रह जाती है और वास्तविक रिश्तों में दूरियाँ आती चली जाती है। इसी से यह पता चलता है कि जीवन में इन छोटी छोटी बातों का कितना बड़ा महत्व होता है। तो इन्ही बातों का ध्यान रखते हुए, अपने रिश्तों को बचाइए क्यूंकि रिश्ते दिखावे से नहीं बल्कि प्यार से निभाय जाते हैं।  

5 comments:

  1. ये सब सच हे इस दौर का जो आपने लिखा है

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  2. Bilkul sahee likha hai, subah uthne se lekar raat tak social media par check karte hi rahte hai

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  3. फेसबुक, व्हाट्सएप एवं इंस्टाग्राम आज के दौर सबसे महत्वपूर्ण टूल्स बन चुके हैं। इसी के जरिये इंसान आज अपने एहसास दूसरों तक पहुंचा रहा है।बहुत अच्छा लिखा है अपने अपने अनुभव से।

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  4. आप सभी का धन्यवाद।

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  5. Bhut sahi kaha social media ke karn social hona hi logo ka chut ta ja raha hai

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