स्मृतियाँ
यूं तो सभी के लिए स्मृतियों के अपने अलग ही मायने होते हैं। स्मृतियाँ जीवन का वो फूल होती है जो सदा ही अपनी सुगंध से आपके जीवन को महकाया करती है और यदि आपने कभी ध्यान दिया हो तो कुछ स्मृतियाँ ऐसी भी होती है जो फिक्स होती है। या यूं कह लीजिये कि पहले से निर्धारित होती है। जब भी उनसे जुड़ा हुआ वो मौका आपकी ज़िंदगी में दुबारा आयेगा जिसे वो स्मृतियाँ जुड़ी है, तब-तब वह सारी स्मृतियाँ एक ही अंदाज़ में, वह सारे सुहाने और अनमोल पल लिये आपकी आँखों में स्वतः ही तैरने लगती हैं। उस स्मृति से जुड़ा एक-एक लम्हा आपकी आँखों में ऐसे चला करता है। जैसे वो कोई स्मृति नहीं,बल्कि कोई चलचित्र हो। जिसे हर बार उस एक खास दिन उस खास अवसर पर देखना हम सभी को बहुत अच्छा लगता है। वह दिन किसी की भी ज़िंदगी में कोई सा भी दिन हो सकता है। यह हर एक व्यक्ति कि अपनी-अपनी नीजी सोच पर निर्भर करता है, कि उसके लिए उसके जीवन का कौन सा पल ज्यादा मायने रखता है। जैसे किसी के लिए उसके जीवन में सफलता प्राप्त करने का दिन महत्वपूर्ण हो सकता है, तो किसी के लिए उसका जन्मदिन, तो किसी के लिए विवाह का दिन,तो किसी के लिये विवाह की वर्षगांठ,इत्यादि...उसी तरह आज मेरी आँखों में भी, मेरे विवाह के समय की कुछ मधुर स्मृतियाँ चल रही है। जी हाँ आज 17 फरवरी 2012 मेरे विवाह की 11वी वर्षगांठ है। लेकिन जब तक आप सब यह पोस्ट पढ़ेंगे तब तक यह तारीख निकल चुकी होगी।
खैर आज 11 का शगुन पूरा हुआ आज से ठीक 11 साल पहले हम दोनों इस पवित्र बंधन में बंधे थे। तो सोचा अपने विवाह की कुछ स्मृतियाँ भी आपके साथ क्यूँ ना बाँट ली जायें। यूं देखा जाये तो मेरी शादी बहुत जल्दी हो गई थी।जल्दी बोले तो 22 साल कि उम्र में ही मेरी शादी हो गई थी। उस वक्त तो मेरी पढ़ाई भी पूरी नहीं हो पायी थी और मेरी शादी कर दी गई। हालांकी तब मैंने अपने माता-पिता से शादी के लिए मना भी किया था, कि अभी कम से कम एक साल और रुका जा सकता है जल्दी क्या है। एम.ए तो कम से कम पूरा हो जाने दीजिये। मगर शायद मेरे पापा की तबियत को देखते हुए सभी ने यह निर्णय लिया कि पढ़ाई तो शादी के बाद भी पूरी हो सकती है। क्यूंकि तब मेरे पापा की बाईपास सर्जरी हो चुकी थी। इसलिए उस बात को और पापा की तबियत को देखते हुए मेरी शादी कर दी गई। जिस वक्त मेरी शादी हुई थी, उस वक्त में एम.ए प्रथम वर्ष में ही थी। एक दिन पापा को मेरे पापा जी का फोन कॉल आया, कि हमने आपकी बेटी का बायोडेटा और फोटो देखा है, हमको लड़की पसंद है। आप लोग दिवाली पर यहाँ आ जाइये लड़का दिल्ली से आया हुआ है। वह भी देख ले तो रिश्ता पक्का समझिए।
बस फिर क्या था। मेरे माता-पिता को जैसे बस इस ही एक मौके की तलाश थी दिवाली के दो चार दिन बाद हम लोग जबलपुर गए शुक्रवार को पहुंचे थे। शनिवार को मेरे मम्मी पापा लड़का देखकर आए और इतवार को मुझे देखने के लिए न्योता दे आये इतवार की शाम को देखना दिखाना हुआ और सोमवार को यानि अगले ही दिन सगाई भी हो गई। सब कुछ इतना जल्दी हुआ कि मुझे ही पता नहीं चला
खैर वापस आकर जब अपनी सबसे खास सहेली को मैंने यह बताया तो उसे भी यकीन नहीं आया। वो बोली हट रे पागल और कोई टोपिक नहीं मिला तुझे मज़ाक करने के लिए सोचिए जरा किसी को भी यकीन ही नहीं आ रहा था कि वाकई में मेरी सगाई हो चुकी है और 3 महीने बाद मेरी शादी है। देखा जाय तो उस वक्त न तो मेरे श्रीमान जी का मन था शादी करने का और ना ही मेरा बस अपने-अपने माता -पिता की खुशी की खातिर हम दोनों ने हाँ करदी थी। मगर आज सोचती हूँ तो लगता है, जो होता है अच्छे के लिए ही होता है। ऐसा परिवार, ऐसा जीवन साथी शायद किस्मत से ही मिलता है।
आज भी जब भी शादी की वर्षगांठ आती है तो मुझे शादी से जुड़ी हर छोटी-बड़ी बात याद आती है। जैसे 12 फरवरी को मेरे घर मेरी शादी की पार्टी दी गई थी उन लोगों के लिए जो शादी में शामिल होने जबलपुर नहीं आ सकते थे। मतलब जैसे मेरे पापा के ऑफिस के लोग, मेरे पापा वेटिनरी डॉ.हैं। उनका पूरा स्टाफ, मेरी सहेलियाँ, कुछ भईया के भी खास दोस्त, कुछ खास मौहोले वाले लोग भी, कुछ एक रिश्तेदार भी उन सभी के लिए इस पार्टी का आयोजन किया गया था। पार्टी ऐसी लग रही थी जैसे बिन दूल्हे का रिसेप्शन। अगले दिन मेरे एम.ए की कक्षा के मेरे सभी सहपाठी जो खास थे वह भी और जिन से सिर्फ जानपहचान थी की हाँ यह सब हमारी ही कक्षा में हैं, मगर बात नहीं हुई थी कभी सभी लोग मुझसे मिलने आए,मुझे बहुत-बहुत अच्छा लगा की सबके सब मेरी शादी में आए जिसकी मुझे ज़रा भी उम्मीद नहीं थी की सभी आजाएंगे। खूब मस्ती हुई नाच गाना हुआ और उस दिन सबने मुझे देख कर कहा था कि यार तुझे देखकर तो ज़रा भी लग ही नहीं रहा है कि तेरी शादी होने वाली है। मैंने कहा लगेगा भी कैसे जिसकी शादी होने वाली होती है, उसके सर पर सिंग थोड़ी न उग आते है हा हा हा !!! मगर बात वो नहीं थी अपना घर, अपना मुहल्ला, अपना शहर यहाँ तक के अपने सभी दोस्तों को छोड़ कर जाने का ग़म जो हर लड़की को होता है। मुझे भी बहुत हो रहा था। शायद इस ही वजह से मेरे चहरे पर वो रोनक नज़र नहीं आरही होगी उनको खैर14 फरवरी की रात में हम सबको निकालना था जबलपुर के लिए उस वक्त ऐसा महसूस हो रहा था, जैसे अब कभी वापस लौटकर यहाँ आना होगा ही नही।
मुझे आज भी बहुत याद आता है, जब अपने उस घर से लिपट कर रोई थी मैं, जिसकी स्मृतियाँ सदा मेरे अंदर ज़िंदा रहेंगी जहां मैंने अपनी ज़िंदगी के 22 साले गुज़ारे थे KG-2 से लेकर एम.ए तक की मेरी सारी पढ़ाई उस ही घर में हुई थी और आज वहाँ कुछ भी नहीं है। खाली मैदान के सिवाय क्यूंकी वह एक सरकारी मकान था और पापा के रिटायर होने के बाद हमें वह घर छोड़ना पड़ा और अब वहाँ कुछ भी नहीं है वह सारे घर मिटा दिये गए हैं और अब वहाँ फिलहाल खाली मैदान है खैर हम बात कर रहे थे शादी की तो 15 को हल्दी 16 को महंदी और 17 को शादी भी हो गई दिन जैसे पलक झपके निकल गए और आज देखती हूँ तो लगता है, एक वो दिन भी थे...और अब लगता है एक यह दिन भी हैं। जहां पलक झपकते ही साल निकल जाता है और पता भी नहीं चलता। तो दिल से निकलता है
"सुबह से यू हिन शाम होती है उम्र उन्हीं तमाम होती है"।
चलिये स्मृतियों के नाम पर मैंने बहुत बोर कर लिया आज आप सभी को अगली पोस्ट के साथ फिर किसी नये या पुराने विषय पर बात होगी तब तक के लिए आज्ञा दीजिये
नमस्कार
जिन्दगी का यह पड़ाव ही तो असली जिन्दगी की तरफ ले जाता है ........और एक सच्चा और अच्छा जीवन साथी मिल जाये तो हम अपनी भावनाओं के साथ समझोता करते हुए एक नयी और बेहतर शुरुआत कर सकते हैं ......!
ReplyDeleteबहुत-बहुत बधाई पल्लवी जी,जीवन का माधुर्य और सहचर का प्रेम पाते हुये
ReplyDeleteअचल होहि अहिवात तुम्हारा !
वैवाहिक वर्षगांठ की हार्दिक बधाई और शुभकामनायें पल्लवी जी ।
ReplyDeleteये स्मृतियाँ ही जिंदगी में मिठास घोल कर रखती हैं । वर्ना सही कहा --जिंदगी यूँ ही तमाम होती है ।
ढेरों बधाईयाँ आज के दिन की, चहुँ ओर आनन्द फैले...
ReplyDeleteदेर से ही सही , मुबारकवाद तो कुबूल कर लीजिये यादें तो यादें हैं .........
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति!
ReplyDelete--
कल शाम से नेट की समस्या से जूझ रहा था। इसलिए कहीं कमेंट करने भी नहीं जा सका। अब नेट चला है तो आपके ब्लॉग पर पहुँचा हूँ!
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आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार के चर्चा मंच पर भी की गई है!
सूचनार्थ!
एक नई शुरुआत जिंदगी की याद तो रहेगी ही.बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं सुखद और सफल वैवाहिक जीवन की.
ReplyDeleteतारीख निकल चुकी.... to kya huaa....वैवाहिक वर्षगांठ की हार्दिक बधाई और शुभकामनायें.... :)
ReplyDeleteतारीक निकल गई तो क्या हम तो बधाई देंगे और आपको स्वीकार भी करना पडेगा :)
ReplyDeleteवैवाहिक वर्षगांठ की बधाई और शुभकामनाएं.....
ReplyDeleteशुभकामनायें !
ReplyDelete☺
ReplyDeleteवैवाहिक वर्षगांठ की विलंबित ही सही , बधाई स्वीकार करें .
ReplyDeleteसुबह होती है ,शाम होती है ,
ReplyDeleteउम्र यूं ही तमाम होती है .
आपकी पोस्ट पढ़ते पढ़ते गीत होठों पर खेलने लगा -
मैं खुश नसीब हूँ ,मुझको किसी का प्यार मिला ,
बड़ा हसीं मेरे दिल का राजदार मिला .
वर्ष गांठ मुबारक ११ वीं ,खुश बदन शादी की .
अनुपम भाव संयोजन के साथ बेहतरीन अभिव्यक्ति ।
ReplyDeleteपूनम जी शादी की ११ वीं सालगिरह की बधाई और लंबे और सुंदर दाम्पत्य जीवन के लिये शुभकामनायें.
ReplyDeleteहर लड़की के लिये शादी कभी भी ना भूलने वाला अनुभव होता है. आपके इसे लिखने के अंदाज ने इसे बहुत खास और सुंदर संस्मरण बना दिया है.
माफ कीजियेगा पल्लवी जी गलती से पूनम लिख दिया.
ReplyDeleteबहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं आपको वैवाहिक वर्षगांठ की । पुराने दिनों की आपकी याद ने तो हमें भी उन दिनों की याद में पहुंचा दिया और बचपन के उस घर को देखने की ललक जाग उठी है अपनी भी । सच कहा आपने अब तो पलक झपकते ही उम्र निकल जाती है
ReplyDeleteस्मृतियां जीवन की निधि हैं...
ReplyDeleteवर्षगांठ की शुभकामनाएं।
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..ये हैं की-बोर्ड वाली औरतें।
सबसे पहले तो 11वीं वर्षगांठ की शुभकामनाएं स्वीकार करें। यादें हैं तभी तो इंसान को थोड़ा सुकुन है।
ReplyDeleteबोर नहीं किया , अच्छा लगा इन अनमोल यादों के बारे में पढ़कर , हार्दिक बधाई विवाह की वर्षगांठ पर
ReplyDeleteबधाई और शुभकामनाएँ !
ReplyDeleteयादेँ हमेशा साथ चलती हैं ....हम ही मुड कर नही देखते ..?
आप सभी पाठकों और दोस्तों का तहे दिल से शुक्रिया एवं शुभकामनाओं के लिए हार्दिक आभार...
ReplyDeleteबाहर होने के कारण आपको शुभकामनाएं देर से दे पा रही हूँ। आज ही आयी हूँ और आपकी पोस्ट देखी, आपको ढेर सारी शुभकामनाएं।
ReplyDeleteआज पहली बार आपके ब्लॉग पर आई या यूँ कहूं की जीवन का एक नया अध्याय आज ही शुरू हुआ...कुछ ही दिन पहले मैंने अपने पहले ब्लॉग की शुरुआत की ...सबकी प्रतिक्रियां मिलीं ...एक सुखद एहसास था ....आपका ब्लॉग पढ़ा .....जीवन से यह 'कुछ' पल अगर निकल जाएँ तो जीवन में अपना कहने को कुछ नहीं बचेगा...यही तो धरोहर हैं हमारी ...आपकी ख़ुशी में शामिल हूँ ..बहुत बहुत बधाई
ReplyDeleteवैवाहिक वर्षगांठ की हार्दिक बधाई और शुभकामनायें....
ReplyDeleteवैवाहिक वर्षगांठ बहुत२ बधाई शुभकामनाए...
ReplyDeleteशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनायें!...
MY NEW POST ...सम्बोधन...
विवाह की सालगिरह पर आपको बहुत बधाई और हम सभी की ओर से हार्दिक शुभकामनाएँ. ईश्वर करे आपका समस्त जीवन मंगलमय हो.
ReplyDeleteThanks to all...
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टी की चर्चा आज के चर्चा मंच
ReplyDeleteपर की गई है। चर्चा में शामिल होकर इसमें शामिल पोस्ट पर नजर डालें और इस मंच को समृद्ध बनाएं.... आपकी एक टिप्पणी मंच में शामिल पोस्ट्स को आकर्षण प्रदान करेगी......
विवाह की सालगिरह पर बहुत बधाई और हार्दिक शुभकामनाएँ....
ReplyDeleteबधाई और शुभकामनाएँ !
ReplyDeleteवैवाहिक वर्षगांठ की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।
ReplyDeletemeri shubhkamnae
ReplyDeleteआपकी यादों का हिस्सा बन कर अच्छा लगा..
ReplyDeleteशुभकामनाये सुन्दर भविष्य के लिए..
साउथ टी. टी. नगर में रहती थीं क्या :-)
ReplyDeleteवैवाहिक वर्षगांठ की हार्दिक बधाई :)
ReplyDeleteदेर आए दुरुस्त आए को चरितार्थ करती हुई मैं भी आ गयी देर से ही सही .... बहुत बहुत शुभकामनायें ... अच्छी प्रस्तुति
ReplyDeleteबहुत बहुत शुभकामनाएं ... हार्दिक बधाई ... ये यादें सुखद अनुभूति ले कर आयें तो कितिनी अच्छी लगती हैं ... वर्ना ये उम्र तो निकल ही रही है झपकन के साथ ...
ReplyDeleteढेर सारी हार्दिक बधाईयां....
ReplyDeleteवैवाहिक वर्षगांठ की हार्दिक बधाई और शुभकामनायें पल्लवी जी ………………देर से ही सही कबूल कीजियेगा दिल से दी है।
ReplyDeleteशुभकामनाएँ
ReplyDeleteGyan Darpan
..
हम तो और भी विलंवित हैं शुभकामनाएं! और बधाइयाँ !
ReplyDeleteबहुत बहुत शुभकामनायें .
ReplyDeleteकुछ ज्यादा ही विलम्ब कर दिया मैने आने में :) बहुत-बहुत बधाई सहित शुभकामनाएं ।
ReplyDeleteआपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल बृहस्पतिवार 23-02-2012 को यहाँ भी है
ReplyDelete..भावनाओं के पंख लगा ... तोड़ लाना चाँद नयी पुरानी हलचल में .
देरी हो गई आने में ..वैवाहिक वर्षगांठ की हार्दिक बधाई और शुभकामनायें
ReplyDeleteवैवाहिक वर्षगांठ की हार्दिक बधाई......पल्लवी जी
ReplyDelete.... बहुत बहुत बहुत बहुत शुभकामनायें
ReplyDeleteअरे हमें देरी हो गयी, एनीवे, बिलेटेड विश तो बनता ही है...
ReplyDeleteबेस्ट विशेज टू यु!!
स्वीट सी पोस्ट :) :)