क्या कहुँ, कहाँ से शुरुवात करुँ कुछ समझ नहीं आ रहा है ,कि कैसे ब्यान करूँ इस झटके को जो न सिर्फ मेरे लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए किसी सितम से कम नहीं, मुझे तो अब भी यक़ीन नहीं हो रहा है। जब से खबर मिली थी, कि ब्रेन हेमरेज जैसी बीमारी के चलते उनकी हालत गंभीर है। तो कहीं मन में एक आस थी कि चाहे कुछ भी हो ठीक हो जायेगे वो, मगर मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था, कि यूँ अपने सबसे पसंदीदा गज़ल गायक के नाम एक पोस्ट लिखूँगी वो भी उस महान हस्ती को श्रद्धांजलि अर्पण करने हेतु 10 अक्तूबर 2011 वो दुःखद दिन था। जिस दिन एक महान और बेहद उत्तम गजल गायक जिनको किसी तरह के परिचय की जरूरत ही नहीं, हमारे बीच नहीं रहे “चिट्ठी न कोई संदेश जाने वो कौन सा देश जहां तुम चले गये” उस गुणी शख़्स का नाम था "जगजीत सिंह जी" हाँ दोस्तों मैं उस ही महान गायक जगजीत सिंह की बात कर रही हूँ। जिन्होंने हर दिल पर राज किया और हमेशा करते रहेंगे। आज उनकी याद में उनको एक गीत भेंट करने का दिल कर रहा है मेरा, किनारा फ़िल्म का वो गीत जिसे लिखा “गुलज़ार साहब” ने था और गाया “लता मंगेश्कर” जी और “भूपेन्द्र जी” ने था।
नाम गुम जाएगा
चेहरा ये, बदल जायेगा
मेरी आवाज़ ही, पहचान है
गर याद रहे
वक्त के सितम, कम होते नहीं
आज है यहाँ
कल कहीं नहीं,
वक्त से परे अगर मिल गये कहीं
मेरी आवाज ही पहचान है
गर याद रहे
http://www.youtube.com/watch?v=SacjWdFLdJM&feature=related
कृपया इस लिंक को क्लिक कर के यह गीत ज़रूर सुनें मुझे खुशी होगी
धन्यवाद
http://www.youtube.com/watch?v=SacjWdFLdJM&feature=related
कृपया इस लिंक को क्लिक कर के यह गीत ज़रूर सुनें मुझे खुशी होगी
धन्यवाद
हांलांकी यह संगीत की दुनिया का वह नाम है, जो कभी गुम ही नहीं सकता। मगर फिर भी इस वक़्त जो भी मैंने महसूस किया लिखा दिया। काश मुझे भी एक मौका मिला होता उनके सामने बैठ कर सुनने का, मगर अफसोस कि मेरे नसीब में वो एक भी खुशगवार शाम ना थी, और न अब कभी होगी। जिसके बारे में हिंदुस्तान का बच्चा–बच्चा जानता है, पहचानता है, उसके बारे में और क्या कहूँ?
"जगजीत सिंह" गजल गायकी और संगीत की दुनिया का वो नाम है। जिसने गजल गायकी को एक नई दिशा प्रदान की थी और जैसा सभी जानते हैं कि उन्होने गज़लों को खास महफ़िलों में से निकाल कर एक आम आदमी के मध्य रखा और जैसा कि "शिखा जी" ने आपने ब्लॉग में बहुत सार्थक शब्दों में कहा है की दुनिया का कोई भी संगीत प्रेमी उनके इस ऋण से उऋण नहीं हो पाएगा यह शब्द भले ही शिखा जी के हैं मगर मैं उनकी इस बात से पूरी तरह सहमत हूँ। क्यूंकि हर दिल जो उन्हे पसंद करता आया है वह यह बात अच्छी तरह से जानता भी है और मानता भी है। मेरा ऐसा मानना है कि अपने-अपने कॉलेज के दिन में शायद ही कोई ऐसा मिले जिसने "जगजीत सिंह जी" कि गज़लों और गीतों को, न गुनगुनाया हो या न सुना हो, कॉलेज के दिनों की बात, मैंने इसलिए कही क्यूँकि वही वक्त ऐसा होता है जब ऐसी बातें समझ में आना शुरू होती है।
उसके पहले तो गजल शेर और शायरी जैसी बातें समझ पाने की किसी में समझ ही कहाँ होती है। यह तो आप और हम सभी जानते है कि जगजीत सिंह जी ने गजल गायकी को जो मक़ाम दिया वो शायद ही उनके पहले किसी ने दिया हो। ज़ाति तौर पर दुःखी रहने वाला वह महान इंसान और गायक, जो अंदर से दुखी होते हुये भी अपने आवाज के दम पर औरों को खुश कर दिया करता था। जो यूँ ही किसी भी आम इंसान के बस की बात नहीं, बहुत हिम्मत चाहिए। मगर दुनिया और वक्त किसी के लिए कब रुका है। वक्त का पहिया हमेशा चलता रहा है और चलता रहेगा।
show must go on
ऐसे महान इंसान और एक बेहतरीन गायक को मेरे जैसे हजारों गजल और संगीत प्रेमियों की और से अश्रुपूर्ण विनम्र श्रद्धांजलि ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे।
Tum chale jaoge to sochenge
ReplyDeleteTum chale jaoge to sochenge
hamne kya khoya hamne kaya paya:(
वह तो हैं परदेस में, वहां पे निकलेगा चाँद...
ReplyDeleteRIP JAGJIT SINGH JI...
जगजीत सिंह जी ने ग़ज़लों को हम आम लोगों तक पहुँचाया, यह उनका सबसे बड़ा योगदान था. काफी व्यथित है मन, उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि.
ReplyDeleteबहुत दुःख हुआ उनके बारे में सुनकर ,जगजीत सिंहजी को भावभीनी श्रधांजलि ..
ReplyDeletesham se ankho me nami si hai
ReplyDeleteaj fir apki kami si hai..
shradha suman arptiy hi ...jaggu da ko.
उनकी आवाज़ गूंजेगी सदा .....
ReplyDeleteबस आवाज़ ही पहचान है.... और रहेगी. विनम्र श्रद्धांजली
ReplyDeleteजगजीत सिंह जी के लिये हमारी विनम्र श्रद्धांजलि ।
ReplyDeletejagjeet ji ke lie vinamra shradhanjali
ReplyDeleteमहान गायक को हार्दिक श्रद्धांजलि।
ReplyDeleteसादर
विनम्र श्रद्धांजलि |
ReplyDeleteजगजीत का जाना…एक संगीत का जाना…
ReplyDeleteकहता है आज मुझसे आसमान,
ReplyDeleteमेरा अनमोल सितारा खो गया कहां...
-भावभीनी स्वरांजलि !
फेसबुक में किसी मित्र के अपडेट से जगजीत सिंह जी के निधन का समाचार मिला तो अचंभित रह गया | TV में समाचार देखकर यकीन हुआ पर एक झटका सा लगा |कोई निजी रिश्ता न होते हुए भी आँख में आँसू आ गये |
ReplyDeleteमेरे लिए गजल का मतलब जगजीत सिंह हैं | आज उनके निधन से एक सितारा विलुप्त होने जैसा लग रहा है | पर उनकी गजलों के रुप में वो हमेशा हमारे बीच रहेंगे |
परमात्मा उनकी आत्मा को शांति दे |
प्रिय पल्लवी जी मेरे ब्लॉग पे आकर मेरा हौसला बढ़ने के लिए आपको सत सत नमन | आपकी लेखनी में एक जादू है जो किसी अपरिचित को अपनी ओर खिंच ही लती है | धन्यवाद |
ReplyDeleteजगजीत सिंह जी को श्रद्धांजली। ।
ReplyDeleteमेरे एक पुराने सहपाठी प्रमोद माऊथो ने जगजीत जी के कई किस्से सुनाए थे जब वे कपूरथला में रहे. मैंने उनके जाने की आवाज़ बहुत उदासी से सुनी है. विनम्र श्रद्धांजलि.
ReplyDeletebhavbhini srdhanjali............
ReplyDeleteविनम्र श्रद्धांजलि
ReplyDeleteगजल को आम आदमी की पसंद बनाने वाले हर दिल अजीज गायक को श्रध्दासुमन......
ReplyDeleteश्रद्धांजलि!
ReplyDeleteविश्वास नहीं होता कि वे चले गए ... कि वे जा सकते हैं |
ReplyDelete:(
उन्होने गज़लों को खास महिफ़िलों में से निकाल कर एक आम आदमी के मध्य रखा...! ! !...हार्दिक श्रद्धांजलि ! ! !
ReplyDeletereally... we miss him...
ReplyDeleteमैं तो कल खुद स्तब्ध रह गया था ये खबर सुन कर!
ReplyDeleteपल्लवी जी, एक टाईपिंग मिस्टेक हुई है आपसे..जगजीत सिंह के जगह आपने जगजीत 'सिग' आपसे टाइप हो गया है, सुधार कर लीजियेगा...
फिलहाल कुछ कहने की स्थिति में नहीं हूँ.....बस सोच रहा हूँ ....कि जीवन की वास्तविकता यही है तो फिर हम क्योँ उसे भूल जाते हैं .......!
ReplyDeleteविनम्र श्रद्धांजलि ...
ReplyDeleteawesome
ReplyDeletebahut achha lekhan
R.I.P JS
mere jane ke bad meri pahchan baki.murda hai jism par jan baki hai.....inhi sabdo ke sath meri vinamra sradhanjali.....
ReplyDeleteजगजीत सिंह जी का शरीर मृत हुआ है वे हमेशा हमेशा अपनी आवाज के सहारे हम सभी के बीच रहेंगे।
ReplyDeleteउनकी आवाज अमर रहेगी ....
ReplyDeleteशुभकामनायें आपको !
ऐसे महान इंसान और एक बेहतरीन गायक को मेरे जैसे हजारों गजल और संगीत प्रेमियों की और से अश्रुपूर्ण विनम्र श्रद्धांजलि ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे।
ReplyDeleteमहान इंसान और महान कलाकार जगजीत जी को अश्रुपूर्ण विनम्र श्रद्धांजलि ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे।
ReplyDeleteविनम्र श्रद्धांजलि. ....
ReplyDeleteजानीय छोटी-खाटू गाँव के मेले के बारे में...
http://vijaypalkurdiya.blogspot.com
बहुत खूबसूरत प्रस्तुति, आभार.
ReplyDeleteकृपया मेरे ब्लॉग पर भी पधारने का कष्ट करें .
kahi par kuch khali khali sa lag raha hai...
ReplyDelete"wo kagaz ki kashti wo barish ka paani ........"
aap ne sahi likha ...bahut dukh bhari ghatna hai ye.
भावभीनी श्रधांजलि ..
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