Thursday, 17 November 2011

बच्चों को दीजिये वो जो उन्हे देखने में भाय....



नवभारत टाइम्स पर आया मेरा यह लेख मेरे उन दोस्तों और पाठकों के लिए है जो मेरे साथ मेरे facebook account पर जुड़े हुए नहीं है।J 
मगर बाकी सब लोग भी पढ़ सकते है। J

यूँ तो सभी बच्चे बहुत ही मूड़ी होते हैं कब किस बात पर उनका मूड बदल जाये, कहना मुश्किल ही होता है। खास कर खाने-पीने के मामले में तो बहुत ही नखरेल, आज कल के जमाने में बच्चों को स्वाद कम बल्कि देखने में आकर्षित खाना ज्यादा पसंद आता है।इसलिए यदि आप अपने बच्चों को कुछ पौष्टिक भोजन खिलाना चाहते हैं तो, उसमें अंदर भरिये प्यार, ममता के साथ पोष्टिक खाने के तत्त्व जैसे हरी सब्जियाँ, दालें, चने, राजमा जैसी प्रोटीन से भरपूर चीजों से बनी चीज़ें और बाहरी रंग रूप रखिए विदेशी खान पान का, जिसका आजकल चलन है। क्यूँकि किसी ने कहा है कि "खाने के स्वाद से पहले हमेशा उसका रंगरूप आता है" और उसे देखकर ही खाने की ओर आपकी ललक बढ़ती है। आज कल के "फास्ट फूड" के जमाने में बच्चों को सम्पूर्ण पोषण वाला आहार मिले वो बहुत ज़रूरी हो गया है। क्यूंकि आजकल के बच्चे सिर्फ पिज्जा, बरगर, कोलड्रिंक जैसी चीजों को ही ज़्यादा पसंद करते हैं और कभी भी पूछने पर उनकी पसंद और सबसे पहली डिमांड भी यही सब चीज़ें होती हैं। उस पर "कार्टून नेटवर्क" चैन्नल की मेहरबानी कि अब तो कार्टून्स को भी यही सब खाते दिखाया जाता है। जिसके चलते बच्चों की सोच और रुझान इस ओर पहले की तुलना में कहीं अधिक बढ़ गया है। पिछले कुछ दिनों में मैंने भी यही महसूस किया और बहुत सोचा कि ऐसा क्या किया जाये कि बच्चों को उनकी पसंद के अंदर ही सम्पूर्ण पोषण वाला खाना भी मिल जाये और उनकी पसंद भी रह जाये। तब मुझे कुछ टिप्स मिले तो सोचा क्यूँ न आप सब के साथ भी इन टिप्स को बाँट लिया जाये। क्यूंकि बच्चों का टिफ़िन बनाते वक़्त इस परेशानी से तो लगभग हर माँ को रोज़ ही गुजरना पड़ता है J है न !!! तो लीजिये कुछ टिप्स आपकी सेवा में हाजिर हैं ।

  • यदि आप अपने बच्चों को बर्गर देती हैं, तो उसके अंदर की टिक्की स्प्राऊट या कई दालों के मिश्रण से बना सकती है, या फिर काले चने को उबाल कर उसका भी प्रयोग किया जा सकता है।   
  • बच्चों को अक्सर बाज़ार में बिकने वाले काठी रोल जिन्हें यहाँ (फजीता रैप)  भी कहा जाता है जो बच्चों को बहुत आकर्षित करते हैं। आप भी "होल मील" आटे से बनी चपाती के अंदर पनीर को हल्का सा तल कर चाट मसाला डालकर बाकी सारा सलाद का सामान रखकर रोल्स बनाकर दे सकते है। चाहे तो उसमें चटनी या सौस का प्रयोग भी कर सकते हैं, या फिर यदि आप अंडा खाते हैं या मांसाहारी है तो चिकन के साथ अंडे के ऑमलेट का या उबले अंडे का प्रयोग भी कर सकते हैं।  
  • सैंडविच बच्चों का सबसे पसंदीदा खाना है। क्यूंकि बच्चों को अक्सर वो खाना पसंद आता है, जो चलते फिरते खाने में सुविधा हो और हाथ भी ज्यादा गंदे न हो, तो ऐसे में यदि कोई सबसे पहले नाम दिमाग में आता है तो वो है सैंडविच, उसके अंदर हर बार कोई नई दाल या फिर कई सारी सब्जियों के मिश्रण से बने कटलेट्स का प्रयोग भी किया जा सकता है। 
  • ऐसे ही चाकलेट की जगह आज कल "कॉर्नफ़्लेक्स" से बनी चाकलेट भी बाज़ार में उपलभ्ध है। जो तुरंत लगी भूख के लिए पर्याप्त भी है, साथ ही पोष्टिक भी, या फिर किशमिश और अन्य कई प्रकार कि मेवा पर चढ़ी चाकलेट भी उतना नुकसान नहीं करेगी। 
अंत में बस इतना कहना चाहती हूँ, कि बच्चों को दीजिये वो जो उन्हे देखने में भाय, मगर अंदर हो वो जो उनके स्वाद के साथ-साथ उनके स्वास्थ्य को भी भायJ .... जय हिन्द

     

27 comments:

  1. बच्चे क्या, बड़े भी खायेंगे ये।

    ReplyDelete
  2. बहुत ही स्वादिष्ट आलेख है :)

    वैसे ये लेख मेरे लिए नहीं हो सकता क्योंकि मैं तो बना बनाया खाकर स्वाद लेने वालों मे से हूँ और यहाँ आपने बनाकर खिलाने की बात कही है :(

    सादर

    ReplyDelete
  3. ज्ञान बढ़ाती हुई सार्थक पोस्ट आभार

    ReplyDelete
  4. स्वाद के साथ स्वास्थ्य भी! वाह!

    ReplyDelete
  5. आप का ज्ञान बर्द्धक लेख पड़ा,अच्छा लगा,बहुत सी माताओं की

    समस्या आपने हल कर दी ।

    ReplyDelete
  6. जी सही फ़रमाया.अच्छी माँ हैं आप :)

    ReplyDelete
  7. सही सलाह देती रचना।

    ReplyDelete
  8. बहुत अच्‍छी पोस्‍ट।
    आभार...

    ReplyDelete
  9. अच्छी प्रस्तुति ..वैसे आज कल माँएं ऐसे प्रयोग करती रहती हैं ... या यूँ कहें कि करना पड़ता है ...

    ReplyDelete
  10. उत्तम सलाह....बच्चों के साथ पतियों को भी...:)

    ReplyDelete
  11. बहुत ही उत्‍तम प्रस्‍तुति ...आभार ।

    ReplyDelete
  12. यम यम।
    दिखाता हूँ आपका ब्लॉग कूकिंग मशीन को।

    ReplyDelete
  13. उदयपुर में एक संस्‍था है शिक्षान्‍तर। अमेरिका में जन्‍मे और वही पले बड़े हुए युवा दम्‍पत्ति, लेकिन कुछ दिनों बाद ही अनुभव हुआ कि पाश्‍चात्‍य भोजन और आचरण दुनिया के लिए हानिकारक हैं। इसलिए वे यहाँ चले आए और अब भोजन में स्‍थानीय अन्‍नों का प्रयोग करते हुए बहुत ही स्‍वादिष्‍ट पिजा, बर्गर आदि व्‍यंजन बनाते हैं। बच्‍चे और बड़े सभी चाव से खाते हैं। वे शक्‍कर, घी और तैल का प्रयोग भी नहीं करते हैं।

    ReplyDelete
  14. pasand aayi modern ma ki yah raay..
    apne blog par bulaane ka shukriya pallavi ji

    ReplyDelete
  15. अरे वाह - यह देखने में भाने वाली बात खूब कही - वैसे तो बच्चों के साथ बड़ों को भी ललचा रहे हैं चित्र :) :) :)

    ReplyDelete
  16. बढ़िया सलाह है.आकर्षण भी ,पोषण भी.

    ReplyDelete
  17. उपयोगी और ज्ञानवर्धक जानकारी के लिए आभार . हार्दिक शुभकामनाएं .

    ReplyDelete
  18. आपके दिए सुझाव बहुत उपयोगी हैं. बच्चों को मैदे से जितना दूर रखा जा सके उतना ही अच्छा. तली चीज़ों का प्रयोग सप्ताहांत-डिशिज़ के तौर पर किया जाए तो बेहतर है. उस दिन बच्चों को खूब खेलने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए. बच्चों को फल कैसे खिलाए जाएँ, यह भी एक समस्या है. मेरे आसपास के बच्चे फलों से कतराते हैं.
    पौष्टिक पोस्ट. सोच रहा हूँ कुकरी कक्षाएँ ज्वायन कर लूँ :))

    ReplyDelete
  19. बहुत ही उपयोगी जानकारी मिली आपके पोस्ट पर
    भाई सबको ध्यान देना होगा आखिर स्वस्थ तन है तो धन है !
    पल्लवी जी आप मेरे पोस्ट पर जो टिप्पणी दिया वो गूगल महाराज ने बौंस कर दिया फिर भी मै अपने मेल के जरिये
    पढ़ा ! हो सके तो दुबारा आये अपनी टिप्पणी प्रकाशित करे ! धन्यबाद !

    ReplyDelete
  20. अच्छी जानकारी
    इस पर तो अमल होना चाहिए
    बहुत बहुत शुभकामनाएं

    ReplyDelete
  21. सबसे पहले तो आपका तहे दिल से शुक्रिया "भूषण अंकल" कि आप आए मेरी पोस्ट पर और आपने अपने बहुमूल्य विचारों से मुझे अनुग्रहित किया। रही बात बच्चों को फल खिलाने की,तो मेरी समझ से उसका सबसे अच्छा उपाय है किसी भी फल का(मिल्क शेक)जो सभी बच्चों को बेहद पसंद होता है। इससे एक पंत दो काज हो सकते है। फल के साथ बच्चों को दूध की पौष्टिकता दोनों एक साथ मिल जाते है। :-)

    ReplyDelete
  22. विदेशी कंपनिया इसी का तो लाभ उठा रही है॥

    ReplyDelete
  23. हम भी बच्चे हैं जी....चटोरी जीभ का क्या करें..

    ReplyDelete
  24. अच्छा तो इस ब्लॉग पर अब हेल्थ सलाह भी मिलेगी...अच्छा है, नयी नयी, तरह तरह की जानकारियां :)

    ReplyDelete
  25. हम भी अपने बेटेलाल को इसी तरह नई नई चीजें बनाकर खिलाते हैं तो उन्हें भी खाने में मजा आता है। जैसे सारी सब्जियाँ बारीक बारीक काट लीं और फ़िर उसका उत्पम बना दिया डोसा या फ़िर इडली या परांठा बना दिया। कल तो दलिये में ही बनाकर परोस दिया, स्वाद ले लेकर खाते हैं हमारे बेटेलाल भी और हम भी।

    ReplyDelete

अपने विचार प्रस्तुत करने के लिए यहाँ लिखें